त्रिग्रही योग के साथ सिद्धयोग का भी संयोग रहेगा- ज्योतिषाचार्य डॉ रवि शर्मा

संवाददाता अनंत त्रिपाठी की रिपोर्ट

त्रिग्रही योग के साथ  सिद्धयोग का भी संयोग रहेगा- ज्योतिषाचार्य डॉ रवि शर्मा
त्रिग्रही योग के साथ  सिद्धयोग का भी संयोग रहेगा- ज्योतिषाचार्य डॉ रवि शर्मा

जयपुर। माघ शुक्ल पंचमी पर 5 फरवरी को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाएगा। Basant Panchami इस दिन त्रिग्रही योग के साथ शिव योग, रवि योग और सिद्धयोग का भी संयोग रहेगा। वहीं शहर के अराध्य गोविंददेवजी मंदिर में ठाकुरजी का पाटोत्सव मनाया जाएगा। खंडेलवाल समाज की ओर से विशेष उत्सव मनाया जाएगा।

ज्योतिषाचार्य डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि पंचमी तिथि 5 फरवरी को तड़के 3 बजकर 47 मिनट पर शुरू होगी, जो मध्यरात्रि बाद तक रहेगी। ऐसे में बसंत पंचमी 5 फरवरी को मनाई जाएगी, इस दिन त्रिग्रही योग और रवि योग व शिव योग का विशेष संयोग रहेगा। रवियोग 4 फरवरी को दोपहर 3.58 बजे शुरू होगा, जो 5 फरवरी को शाम 4.09 बजे तक रहेगा। वहीं शिवयोग शाम 5.40 बजे तक रहेगा। उसके बाद सिद्धयोग प्रारम्भ हो जाएगा, जो 6 फरवरी को शाम 4.53 बजे तक रहेगा।

मकर राशि में बन रहा त्रिग्रही योग
ज्योतिषाचार्य डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि बसंत पंचमी पर त्रिग्रही योग बन रहा है। इस दिन मकर राशि में सूर्य देव, बुध और शनिदेव एक साथ रहेंगे, ऐसे में तीनों ग्रहों की युति से त्रिग्रही योग का भी निर्माण होगा।

अबूझ मुहूर्त भी
बसंत पंचमी के अबूझ मुहूर्त होने से विवाह, मुंडन संस्कार, नई विद्या आरंभ, गृह प्रवेश, नया काम शुरू करने के मुहूर्त रहेंगे।

गोविंददेवजी का पाटोत्सव भी, होली तक रोजाना गुलाल अर्पित
माघ शुक्ला पंचमी पर बसंत पंचमी के दिन 5 फरवरी को आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में ठाकुरजी का पाटोत्सव मनाया जाएगा। बसंत पंचमी से ठाकुरजी को गुलाल अर्पित होनी शुरू हो जाएगी, जो होली तक चलेगी। मंदिर के प्रवक्ता मानस गोस्वामी ने बताया कि पांच फरवरी को सुबह पांच से सवा पांच बजे तक मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में ठाकुर जी का वेद मंत्रो के साथ पंचामृत अभिषेक किया जाएगा। ठाकुर जी को नवीन पीली पोशाक धारण कराई जाएगी। श्रृंगार झांकी आरती के बाद सुबह 10.30 बजे मां भगवती सरस्वती का मंदिर के जगमोहन में ठाकुर जी के समक्ष पूजन किया जाएगा।