सीतारमण का सवाल - पंडित नेहरू ने कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र मे ले जाकर इसका अंतरराष्ट्रीयकरण क्यो किया

न्यूज़ डेस्क रिपोर्ट

सीतारमण का सवाल - पंडित नेहरू ने कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र मे ले जाकर इसका अंतरराष्ट्रीयकरण क्यो किया
सीतारमण का सवाल - पंडित नेहरू ने कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र मे ले जाकर इसका अंतरराष्ट्रीयकरण क्यो किया

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को आरोप लगाया कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में ले जाकर इसका अंतरराष्ट्रीयकरण किया।

उन्होंने कहा कि भारत का पड़ोसी अभी भी इसका दुरुपयोग कर रहा है। सीतारमण ने राज्यसभा में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लिए बजट 2022-23 पर चर्चा के दौरान जवाब देते हुए इस मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी को घेरा।

सीतारमण ने कहा, 'कांग्रेस ने (कश्मीर) मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण किया था। वह हमारे पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी थे जो इसे दिसंबर 1947 में संयुक्त राष्ट्र में ले गए थे। क्यों? हमारा पड़ोसी देश (पाकिस्तान) इसका अभी भी दुरुपयोग कर रहा है। आखिर इसके लिए जिम्मेदार कौन है?' केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने आगे कहा कि कश्मीर के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर नहीं ले जाया जाना चाहिए था।

'हम कश्मीर मुद्दे को खुद संभाल सकते थे और संभाल रहे हैं'
जम्मू-कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि यह मूल रूप से एक भारतीय मुद्दा है। हम इसे संभाल सकते थे। हम इसे संभाल रहे हैं और अब हम अंतर भी दिखा रहे हैं। सीतारमण ने अनुच्छेद 370 को हटाने पर सवाल उठाने के लिए कांग्रेस की आलोचना की। उन्होंने 1963 में संसद में नेहरू के जवाब पर भी सवाल उठाए जिसमें उन्होंने कहा था कि अनुच्छेद 370 संविधान का स्थाई हिस्सा नहीं है।

वहीं, वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने नेहरू का बचाव किया। उन्होंने कहा, 'मैं बात को स्पष्ट करना चाहता हूं। अगर मामले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में ले जाया गया था, तो मुद्दा यह था कि क्या सैन्य संघर्ष का अंत होगा या नहीं। भारत ने जनमत संग्रह को स्वीकार नहीं किया था।' आनंद शर्मा ने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर में भारत ने चुनाव करावाया था। जम्मू और कश्मीर में निर्वाचित सरकारें ही थीं।