महाकाल की नगरी में एक साथ जगमगाये 11 लाख 71 हज़ार 78 दीप

न्यूज़ डेस्क रिपोर्ट

महाकाल की नगरी में एक साथ जगमगाये 11 लाख 71 हज़ार 78 दीप
महाकाल की नगरी में एक साथ जगमगाये 11 लाख 71 हज़ार 78 दीप

बाबा महाकाल के नगर उज्जैन में एक 10 मिनट में 11 लाख 71 हजार 78 दीये जलाए गए।

इन्हें 14 हजार लोगों ने जलाया. अद्भुत नजारे के इस रिकॉर्ड को दर्ज करने के लिए खुद गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की 5 सदस्यों की टीम इस मौके पर यहां मौजूद थी।

कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम ने इसकी घोषणा भी कर दी है. इससे पहले ये रिकॉर्ड अयोध्या के नाम था. वहां दीपावली पर 9 लाख दीये जलाए गए थे।

महाशिवरात्रि पर इस साल उज्जैन का नजारा इन दीपों के कारण अद्भत और आलौकिक था. सांझ ढलते ही पूरा शहर दीपों की जगमगाहट से जगमगा उठा. शिवरात्रि पर यहां शिव ज्योति अर्पणम् महोत्सव मनाया गया।

एक सायरन बजा और स्वयंसेवकों ने दीपक जलाना शुरू कर दिया. इसकी शुरुआत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की. उन्होंने अपनी पत्नी साधना सिंह के साथ 11 दीपक जलाए. उसके बाद महाकाल मंदिर से लेकर क्षिप्रा घाट और सभी मंदिरों में दीप जलाए गए।

ये ऐतिहासिक नजारा देखने के लिए पूरा शहर उमड़ पड़ा. रात 8 बजे से पहले घाटों पर जनता की एंट्री बंद थी. उसके बाद घाट सबके लिए खोल दिए गए. राम घाट से लेकर भूखी माता घाट तक भीड़ ही भीड़ थी।

इससे पहले राम की भूमि अयोध्या में बीते साल दीए जलाकर एक रिकॉर्ड बनाया गया था. अयोध्या में 9.41 लाख दिए जलाए गए थे और ये गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ।

महाकाल मंदिर में सुबह 3 बजे से ही दर्शन शुरू हो गए थे. भस्म आरती से लेकर रात 8 बजे तक 4 लाख से ज्यादा भक्त यहां दर्शन कर चुके थे. भस्म आरती में सबसे पहले भगवान महाकाल को पुजारियों ने जल चढ़ाया. इसके बाद पंचामृत अभिषेक पूजन में दूध, दही, घी, शक्कर और फलों के रस से अभिषेक किया गया. भांग से अद्भुत श्रृंगार किया गया था. सुबह 5.30 बजे से आम भक्तों ने दर्शन करने शुरू कर दिए थे।

इस बड़े आयोजन के लिए 17000 से ज्यादा स्वयंसेवक तैनात किए गए थे. स्वयंसेवी संस्थाओं छात्र खिलाड़ी और सामाजिक संगठनों के साथ संतो को भी इस आयोजन से जोड़ा गया. उज्जैन के रामघाट पर दीप जलाने के लिए ब्लॉक सेक्टर बनाए गए थे. यहां स्वयंसेवकों को तैनात किया गया था.

इस महा पर्व पर लाखों दीप जलाए गए. महाकाल मंदिर, मंगलनाथ, काल भैरव, गढ़ कालिका, सिद्धवट, हरसिद्धि मंदिर सहित पूरे शहर में दीप प्रज्जवलित किए गए. कुल 21 लाख दीप जलाने का लक्ष्य रखा गया था. इसके लिए उज्जैन नगर निगम ने संकल्प पत्र भरवाए थे।