*जल्द हट सकता है गेगल टोल!*
*नई टोल नीति विरूद्ध स्थपित है गेगल टोल* । *देवनानी ने पत्र प्रेषित कर मंत्री गडकरी से की थी टोल हटाने की मांग* | *मंत्री गडकरी ने विभागीय अधिकारियों को दिये नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश*

अजमेर, 31 मई। नई टोल नीति विरूद्ध स्थापित गेगल टोल को हटाने संबंधित भाजपा नेता, पूर्व शिक्षा मंत्री एवं वर्तमान अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी के प्रयास रंग लाते दिखाई पड रहे हैं। केन्द्रीय सडक, राजमार्ग-पोत परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने देवनानी के पत्र पर प्रंज्ञान लेते हुए विभागीय अधिकारियों को गेगल टोल को लेकर नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए है।देवनानी ने बताया कि अप्रेल माह में केन्द्रीय सडक, राजमार्ग-पोत परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को नियमविरूद्ध स्थापित गेगल टोल को हटाने संबंधित मांग पत्र प्रेषित किया था। पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया कि केन्द्र सरकार की तय टोल नीति के तहत 60 किलोमीटर से पहले दूसरा टोल स्थापित नहीं किया जा सकता है और जहां ऐसा हुआ वहां से टोल प्लाजा को हटाएं जाने का प्रावधान तय टोल नीति में है। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 8 स्थित किशनगढ(अजमेर) में टोल स्थापित किया हुआ है, इसके अतिरिक्त महज 19 किलोमीटर की दूरी पर ही अजमेर के गेगल नामक स्थान पर भी टोल स्थापित कर दिया गया, जहां भी धडल्ले से वाहनचालकों से महंगा टोल वसूला जा रहा है। नई टोल नीतिनुसार गेगल टोल साफ नियमविरूद्ध स्थापित है। ऐसा होने से पर्यटकों एवं बाहरी वाहनचालकों के अतिरिक्त अजमेर के वाहनचालकों को काफी समस्या का सामना करना पड रहा है। किशनगढ के बाद गेगल में टोल वसूलने से न केवल उनका अनावश्यक अतिरिक्त समय बर्बाद हो रहा है बल्कि उनको आर्थिक नुकसान भी हो रहा है जिसको लेकर अजमेरवासियों में काफी आक्रोश भी व्याप्त है।जानकारी देते हुए देवनानी ने बताया कि केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने पत्र पर प्रज्ञान लेते हुए विभागीय अधिकारियों को गेगल टोल को लेकर नियमनानुसार कार्रवाई करने के लिए निर्देश दिए है। वैसे विभागीय अधिकारी नियमों की जांच कर गेगल टोल हटाने की दिशा में प्रयासरत है फिर भी इसमें देरी होती है तो पुनः केन्द्रीय मंत्री गडकरी से मुलाकात कर गेगल टोल हटाने की मांग की जाएगी। गेगल टोल नहीं हटाने तक सतत प्रयास जारी रहेगा।