कुलपति कुलपति प्रो. राजबीर सिंह के कुशल नेतृत्व में प्रगति के पथ पर तेजी से अग्रसर महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय। Girish Saini Reportsके कुशल नेतृत्व में प्रगति के पथ पर तेजी से अग्रसर महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय। Girish Saini Reports
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रोहतक। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (मदवि) प्रगति पथ पर निरंतर अग्रसर है। भविष्य के लिए भविष्योन्मुखी रोड मैप के तहत विश्वविद्यालय के समग्र विकास की योजना है। मदवि कुलपति प्रो. राजबीर सिंह के कुशल मार्गदर्शन तथा गतिशील नेतृत्व में विश्वविद्यालय ने पिछले वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति की है। प्रो. राजबीर सिंह ने 21 फरवरी 2020 को इस विश्वविद्यालय के नियमित कुलपति पद का पदभार ग्रहण किया। उनके कार्यकाल में मदवि ने नैक से वर्ष 2019 में ए प्लस ग्रेडिंग प्राप्त की है। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) में वर्ष 2019 से लेकर 2022 तक निरंतर देश के श्रेष्ठ 100 विश्वविद्यालयों की सूची में स्थान प्राप्त किया। वहीं, हरियाणा प्रदेश के विश्वविद्यालयों में मदवि प्रथम स्थान पर रहा। विश्वविद्यालय का औषध विज्ञान विभाग राष्ट्र के श्रेष्ठ 50 औषध विज्ञान संस्थानों की सूची में शामिल रहा। एमडीयू में अंतर विषयक उच्च अध्ययन तथा शोध को बढ़ावा देने के लिए फैकल्टी ऑफ इंटर डिसीप्लिनरी स्टडीज की स्थापना की गई। प्राध्यापकों को उच्च स्तरीय नवीनतम ज्ञान तथा कौशल से युक्त करने के लिए फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर (एफडीसी) को शुरू किया गया। एमडीयू में ऑनलाइन शिक्षण प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए डिजिटल लर्निंग सेंटर की स्थापना एक महत्त्वपूर्ण पहल रही। विशेष रूप से कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षण के प्रसार में डिजिटल लर्निंग सेंटर की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही। एमडीयू के विद्यार्थियों को संचार कौशल, व्यक्तित्व कौशल से युक्त करने के लिए सेंटर फॉर लैंग्वेज स्किल्स एंड सॉफ्ट स्किल्स की स्थापना एक महत्त्वपूर्ण कदम रहा है। ब्रिटिश काउंसिल की सहभागिता से कम्युनिकेशन स्किल्स संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है। विद्यार्थियों को स्वरोजगार तथा नवाचार की ओर उन्मुख करने के लिए सेंटर फॉर इनोवेशन, इन्क्यूबेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप की स्थापना की गई है। इस केन्द्र के तत्वावधान में विद्यार्थियों को नवोन्मेषी स्टार्टअप्स के लिए प्रेरित किया जा रहा है। सोशल आउटरिच की महत्त्वपूर्ण कड़ी के रूप में एमडीयू में सेंटर फॉर डिसेबिलिटी स्टडीज की स्थापना की गई है। इस संबंध में हाल ही में हरियाणा वेलफेयर सोसायटी फॉर स्पीच एंड हियरिंग इंपेयर्ड के साथ एमओयू भी किया गया है। भविष्य में भारतीय सांकेतिक भाषा संबंधित डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। दूरस्थ शिक्षा निदेशालय (डीडीई) के तत्वावधान में महत्वपूर्ण पहल करते हुए दो ऑनलाइन पाठ्यक्रम, एम.कॉम तथा एमएससी-मैथेमेटिक्स शुरू किए गए हैं। तीन नए पाठ्यक्रम- एमए- इतिहास, मास्टर ऑफ लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन साइंस तथा एमए-जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन भी डीडीई में सत्र 2021-2022 में शुरू किए गए हैं। उच्च स्तरीय, गुणवत्ता परक शोध के लिए एमडीयू ने रिसर्च प्रमोशन पॉलिसी ईजाद की है। इसके साथ ही, नई आईपीआर पॉलिसी तथा कंसल्टेंसी पॉलिसी भी सृजित की गई है। विश्वविद्यालय में विश्व स्तरीय नेक्स्ट जेन जीनोम सीक्वेंसिंग लेबोरेटरी की स्थापना की गई है। कुलपति प्रो. राजबीर सिंह के कार्यकाल में आर्यभट्ट सेंट्रल इंस्ट्रूमेंटेशन लेबोरेटरी भी फंक्शनल की गई है। शोध सहभागिता, कौशल प्रशिक्षण, उच्च अध्ययन संयुक्त कार्यक्रम के लिए भारतीय वायु सेना, एवेंथा सेंटर फॉर इंडस्ट्रियल रिसर्च एंड डेवलपमेंट, फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी, नई दिल्ली, एमएसएमई टेक्नोलॉजी सेंटर तथा एवरेस्ट ब्लोअर सिस्टम के साथ एमओयू किए गए। डिजिटल लर्निंग सेंटर को प्रोत्साहन देने के लिए इनफ्लिबनेट के साथ एमओयू किया गया। मदवि ने सोशल आउटरीच में उल्लेखनीय कार्य करते हुए यूथ रेड क्रॉस, राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में अनेकानेक कार्यक्रम आयोजित किए। एमडीयू यूथ रेड क्रॉस तथा राष्ट्रीय सेवा योजना को राज्य स्तर तथा राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया गया। विश्वविद्यालय ने खेल गतिविधियों में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए राष्ट्र के श्रेष्ठ खेल विश्वविद्यालयों में स्थान बनाया। मदवि कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि आने वाले समय में नई एजुकेशन पॉलिसी- एनईपी 2020 का क्रियान्वयन, विश्वविद्यालय इंफ्रास्ट्रक्चर का सुदृढ़ीकरण, विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों तथा विद्यार्थियों का क्षमता संवर्धन, विश्वविद्यालय सोशल आउटरीच का विस्तारण, तथा उच्च अध्ययन व शोध को गुणवत्तापरक ऊंचाइयों तक ले जाने का संकल्प है।