पीएम मोदी ने बैंकों को दिए मंत्र इन सेक्टर्स को जमकर लोन बाटने की दी सलाह
न्यूज़ डेस्क रिपोर्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने आज विकास दर को तेजी से बढ़ने के लिए कुछ खास टिप्स दिए हैं. प्रधानमंत्री ने तेज विकास दर हासिल करने और इकॉनमी को महामारी-महंगाई के दबाव से बाहर लाने के लिए मंत्र दिया है।
पीएम ने कहा कि तेज आर्थिक विकास में बैंकों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण साबित होगी.
'financing for growth and aspirational economy' विषय पर आयोजित वर्चुअल इवेंट में पीएम मोदी ने बजट-2022 के प्रावधानों को जल्द लागू करने का सुझाव दिया. प्रधानमंत्री ने बैंकों से ये अपील करते हुए कहा, 'ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े बिजनेस को जितना हो सके आर्थिक मदद दें. इसके अलावा शून्य कार्बन उत्सर्जन जैसे प्रोजेक्ट, हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर, अंतरिक्ष, निर्यात और स्टार्टअप को भी बड़ी संख्या में लोन दिए जाने की जरूरत है.'
ग्रामीण क्षेत्र पर दिया खास जोर
पीएम मोदी ने ग्रामीण क्षेत्रों पर जोर देते हुए कहा, 'बैंकों को ऑर्गेनिक फार्मिंग से जुड़े बिजनेस को तत्काल लोन देना चाहिए. साथ ही अलावा मधुमक्खी पालन, वेयरहाउसिंग, फूड प्रोसेसिंग और कृषि उत्पादों की ढुलाई जैसे बिजनेस को बढ़ावा देने से ग्रामीण क्षेत्र आगे बढ़ेगा. हम इन क्षेत्रों के विकास के साथ दुनिया के चैंपियन प्लेयर बन सकते हैं. इसका सीधा मतलब है कि ग्रामीण क्षेत्र ही पूरे इकॉनमी की अगुवाई करेगा, अगर उसे बेहतर आर्थिक मदद दी जाए.'
एनर्जी से जुड़े नए उद्यमों को सहारे की जरूरत
प्रधानमंत्री ने कहा, 'स्टार्टअप, निर्यात और रिन्यूवेबल एनर्जी से जुड़े नए उद्यमों को सहारे की जरूरत है. बैंकों को इन्हें आगे बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभानी होगी. इससे न सिर्फ कोविड प्रभावित अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी, बल्कि लाखों की संख्या में नए रोजगार भी पैदा हो सकेंगे. बैंकों के दम पर ही आत्मनिर्भर भारत का अभियान पूरा हो सकता है.'
ये सेक्टर्स साबित होंगे गेमचेंजर
प्रधानमंत्री ने कुछ खास सेक्टर्स को विकास का गेमचेंजर बताया. उन्होंने कहा, 'ड्रोन, अंतरिक्ष और भू-स्थानिक (Geospatial) सेक्टर्स को सपोर्ट किया जाए तो ये गेमचेंजर साबित हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि आखिर हम क्यों न इन क्षेत्रों में दुनिया के टॉप-3 देशों में आने का सपना देखें. क्या हमारे संस्थान इस महत्वाकांक्षा को पूरा करने में सहयोग नहीं करेंगे. हमें गांवों के उत्पादों को बढ़ाने और उन्हें ग्लोबल मार्केट तक पहुंचाने में मदद करनी चाहिए.'