शोध में विषय का चयन महत्वपूर्णः डॉ. मनोज कुमार सिन्हा

Girish Saini Reports

शोध में विषय का चयन महत्वपूर्णः डॉ. मनोज कुमार सिन्हा

रोहतक। शोध में विषय का चयन महत्वपूर्ण है। शोध समस्या की सही पहचान शोधार्थी सावधानीपूर्वक करें। शोध समस्या ऐसी होनी चाहिए जिससे किसी नए ज्ञान की आविर्भाव हो और समाज के लिए उपयोगी हो। यह उद्गार इंडियन लॉ इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली के निदेशक डॉ. मनोज कुमार सिन्हा ने सोमवार को स्वराज सदन में फैकल्टी ऑफ लॉ द्वारा- रिसर्च मैथडोलॉजी विषय पर आयोजित सात दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए व्यक्त किए। चौ. रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल एंड इकोनॉमिक चेंज के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि डॉ. मनोज कुमार सिन्हा ने लॉ के शोधार्थियों को शोध की बारीकियों से अवगत करवाया। डॉ. सिन्हा ने शोध से जुड़े विभिन्न पहलुओं से शोधार्थियों को अवगत करवाया। उन्होंने इस कार्यशाला के आयोजन के लिए एमडीयू को बधाई देते हुए शोधार्थियों के लिए प्रारंभ की गई इस पहल की सराहना की। कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने इस कार्यशाला के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए शोधार्थियों को ईमानदारी से शोध करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने शोध में मौलिकता को महत्त्वपूर्ण बताते हुए गुणवत्तापरक शोध करने का आह्वान किया। कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि एमडीयू में गुणवत्तापरक शोध को बढ़ावा देने के लिए योजनाबद्ध ढंग से कार्य किया जा रहा है। कुलपति ने कहा कि लॉ का जो भी विद्यार्थी लॉ और संस्कृत तथा लॉ और सामाजिक परिवर्तन विषय से संबंधित उत्कृष्ट शोध कार्य करेगा, उसे स्कालरशिप दी जाएगी। डीन, एकेडमिक अफेयर्स प्रो. सुरेन्द्र कुमार ने कहा कि शोध में कटिबद्धता जरूरी है। उन्होंने न्याय के क्षेत्र में संस्कृत की महत्ता को रेखांकित किया और इस क्षेत्र में शोध करने के लिए शोधार्थियों को प्रोत्साहित किया। चौ. रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल एंड इकोनॉमिक चेंज के उप निदेशक प्रो. महताब सिंह ने चौ. रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित की जाने वाली शोध एवं शैक्षणिक गतिविधियों का ब्यौरा दिया। कार्यशाला की कंवीनर एवं डीन, फैकल्टी ऑफ लॉ प्रो. कविता ढुल ने प्रारंभ में स्वागत भाषण दिया। कार्यशाला समन्वयक डॉ. योगेन्द्र सिंह ने कार्यशाला की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला। प्राध्यापिका डॉ. श्रुति सुधा आर्य ने मंच संचालन किया। डॉ. नीलम कादयान ने आभार जताया। समन्वयक डॉ. प्रतिमा रंगा ने आयोजन सहयोग दिया। इस मौके पर सेवानिवृत प्रोफेसर डॉ. प्रीत सिंह, डॉ. टीसी जुनेजा व डॉ. अमर सिंह समेत विधि संकाय के प्राध्यापक एवं शोधार्थी मौजूद रहे।