पायलट बोले-जयपुर बम ब्लास्ट के दोषियों की रिहाई गंभीर इश्यू, जिम्मेदारों के खिलाफ जांच,अपील हो दायर
ravinder singh report

पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने जयपुर सीरियल बम ब्लास्ट के दोषियों की हाईकोर्ट से रिहाई को बहुत गंभीर विषय बताया है। पायलट बोले-ब्लास्ट किसी ने तो किया होगा ? इसलिए सरकार को निर्णय के खिलाफ अपील दायर कर नए सिरे से जांच और सबूत इकट्ठा करने चाहिए। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने जयपुर सिलसिलेवार बम ब्लास्ट के दोषियों की रिहाई पर अपनी ही सरकार को जमकर आड़े हाथ लिया है। सचिन पायलट बोले -आतंकी घटना करने वालों की रिहाई दुखद है। किसी ने तो ब्लास्ट किए होंगे ?जांच में लापरवाही होना बेहद अफसोसजनक है। सरकार नए सिरे से जांच करे। पायलट ने कहा-जैसा कि मैंने अखबार में पढ़ा है, हाईकोर्ट ने कहा है कि इन्वेस्टिगेशन शायद ढंग से नहीं हो पाई, सुबूत कॉलोब्रेट नहीं कर पाए या कई कमियां रह गईं । यह बहुत ही गंभीर इश्यू है। मैं समझता हूँ कि इसमें तो जिम्मेदार लोगों के खिलाफ जांच होनी चाहिए कि ऐसा कैसे हुआ ? क्योंकि ब्लास्ट किसी ने तो किया होगा ना ? उन लोगों को लोअर कोर्ट से मौत की सजा सुनाई गई है, तो सजा कम होना एक अलग बात होती है या उनमें उसमें असहमति होना एक बात होती है। लेकिन सबूतों की वजह से उन्हें रिहा कर दिया गया है। यह बहुत गंभीर मामला है। पायलट बोले-हम सबको याद है,जब बम ब्लास्ट हुए थे तो कितने लोगों की जानें गई थीं, इन आरोपियों को पकड़ा गया। इतने सालों तक केस चला । लोअर कोर्ट ने आरोपियों को मौत की सजा सुनाई, लेकिन हाईकोर्ट से सभी को सबूतों के अभाव में रिहाई मिल गई। तो फिर अब गृह विभाग और लॉ डिपार्टमेंट को चिंतन करना होगा। पायलट ने कहा-जो जज ने निर्णय सुनाया है, वह भी मुझे लगता है पीड़ित थे। मैंने जो अखबार में पढ़ा है कि वह भी नहीं चाह रहे थे ऐसा हो। लेकिन अगर एजेंसी काम नहीं कर पा रही हैं, ढंग से सबूत इकट्ठा नहीं कर पा रही हैं और उसे पुख्ता रूप में पेश नहीं कर पा रही हैं, तो यह बहुत बड़ा इशू है। संबंधित गृह विभाग, लॉ मिनिस्ट्री जो भी है, इसकी जांच करनी पड़ेगी और जो संबंधित जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ जांच कार्रवाई करनी चाहिए। पूर्व डिप्टी सीएम पायलट ने कहा-जिन घरों में लोगों की मौतें हुई हैं, उन्हें भी तो हमें जवाब देना पड़ेगा। कई बार तो इस तरह के घिनौने अपराध में शामिल आरोपी मिलते नहीं है। लेकिन जब आरोपी मिल जाते हैं और लोअर कोर्ट से उन्हें सजा हो जाती है, तो हमारी जिम्मेदारी बनती है कि इसको लॉजिकल कन्क्लूज़न तक लेकर जाएं। मुझे लगता है सरकार को तुरंत प्रभाव से अपील दायर करनी चाहिए और नए सिरे से डाक्यूमेंट्स, सबूत इकट्ठा कर लोगों को न्याय दिलाना चाहिए। अगर लोगों को न्यायपालिका से न्याय नहीं दिलवा पा रहे हैं, तो कहीं ना कहीं तो कमी है और कौन इसके लिए जिम्मेदार है इसकी भी जांच होनी चाहिए।