अंतर्मन-यात्रा अनंत कथा संग्रह का विमोचन किया कमलेश भारतीय ने
Girish Kumar Saini

हिसार। समाज का आइना दिखाती कहानियां हैं सुनील आदित्य की। समाज में बढ़ती व्यस्तता, रुपये कमाने की अंधाधुंध दौड़ और लेबर चौक पर विवश श्रमिकों की व्यथा कथा बहुत सहजता से सुनील ने बयान की है। यह कहना है वरिष्ठ साहित्यकार, पत्रकार, हरियाणा ग्रंथ अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष व हरियाणा लेखक मंच के अध्यक्ष कमलेश भारतीय का। मौका था सुनील आदित्य के कथा संग्रह-अंतर्मन-यात्रा अनंत के विमोचन का। समारोह में मौजूद अन्य अतिथियों के साथ कथा संग्रह के विमोचन के बाद उन्होंने कहा कि वरिष्ठ रचनाकारों को नए रचनाकारों को सहयोग देना चाहिए। नव-साहित्य पर भी चर्चा होती रहनी चाहिए। यह विमोचन समारोह आकाशवाणी केंद्र, हिसार के प्रांगण में आयोजित किया गया। राजकीय महाविद्यालय की पूर्व प्राचार्य डॉ. कुसुम सैनी ने साहित्य को समाज की जरूरत बताया। पूर्व प्राचार्य विनय कुमार ने ऐसे कार्यक्रमों को प्रोत्साहन देने की बात कही। आकाशवाणी केंद्र के कार्यकारी निदेशक पवन वर्मा ने सुनील की कहानियों को बहुत ही सहज बताते हुए कहा कि ऐसा लगता है जैसे हमारे आसपास ही घटित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि आकाशवाणी केंद्र नए रचनाकारों के लिये सदैव उपलब्ध है। लेक्चरर वेलफेयर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष बंसीलाल गुर्जर ने ऐसी रचनाओं को वर्तमान समाज की जरूरत बताया। इस मौके पर सुनील आदित्य ने अपनी रचना को अपनी बेटी नव्या श्री को समर्पित करते हुए अपनी एक कहानी लेबर चौक का प्रभावशाली पाठ प्रस्तुत किया। इस मौके पर बतौर विशिष्ट अतिथि मनोज कुमार, राधेश्याम महला, राजेश सरदाना, शेर सिंह बशेर, रामचंद्र कालिया, राहुल रमन, धर्मपाल, सरोज श्योराण ने शिरकत की। कार्यक्रम संचालन रश्मि ने किया। ओमप्रकाश ने आभार प्रदर्शन किया। इस मौके पर सुभाष सैनी, नीलम भारती, ऋचा, मीना, आशा रानी, मीनाक्षी, नव्या श्री, कबीर आदित्य, संजीव, शुभम, सुशील, गगन, सुरेंद्र कालरा सहित अन्य साहित्य प्रेमी मौजूद रहे।