एमडीयू बनी भारतीय सांकेतिक भाषा से संबंधित पाठ्यक्रम शुरू करने वाली हरियाणा की पहली यूनिवर्सिटी, दो डिप्लोमा होंगे शुरू, आवेदन की अंतिम तिथि 21 जुलाई।
गिरीश सैनी Reports

रोहतक। एमडीयू में शैक्षणिक सत्र 2022-2023 से सेंटर ऑफ डिसएबीलिटी स्टडीज (सीडीएस) के तत्वावधान में दो डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं। एमडीयू के निदेशक, सेंटर फॉर डिसएबीलिटी स्टडीज प्रो. राधेश्याम व फैकल्टी ऑफ इंटर डिसीप्लीनरी स्टडीज के डीन प्रो. सुरेंद्र कुमार ने वीरवार को मीडिया इंटरैक्शन प्रोग्राम में इन दो नए पाठ्यक्रमों की जानकारी दी। प्रो. राधेश्याम ने बताया कि भारतीय पुनर्वास परिषद (आरसीआई) से मान्यता प्राप्त डिप्लोमा इन इंडियन लैंगवेज इंटरप्रेटिंग (डीआईएसएलआई) तथा डिप्लोमा इन टीचिंग इंडियन साइन लैंगवेज (डीटीआईएसएलआई) में 30-30 सीटें होंगी। इन डिप्लोमा में प्रवेश आरसीआई द्वारा आयोजित आल इंडिया ऑनलाइन एप्टीट्यूट टेस्ट के जरिए होगा। 22 जून से शुरू हुई प्रवेश प्रक्रिया के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 21 जुलाई है। आरसीआई की वेबसाइट पर दाखिले के लिए पंजीकरण कराना होगा। प्रो. राधेश्याम ने कहा कि एमडीयू हरियाणा राज्य में भारतीय सांकेतिक भाषा से संबंधित पाठ्यक्रम शुरू करने वाला पहला विश्वविद्यालय है। हरियाणा वेल्फेयर सोसायटी फॉर पर्सन्स विद स्पीच एंड हियरिंग इंपेयरमेंट के साथ एमडीयू के एमओयू के तहत इन पाठ्यक्रमों के संचालन में सहायता मिलेगी। प्रो. सुरेंद्र कुमार ने कहा कि सांकेतिक भाषा का पठन-पाठन वर्तमान समय में जरूरी है। मूक-बधिर विद्यार्थियों को फायदा होने के साथ ही इससे नई शिक्षा नीति-एनआईपी 2020 के समावेशी शिक्षा के संकल्प को पूरा करने में भी आसानी होगी। यह पाठ्यक्रम समाज की मुख्यधारा से मूक-बधिर विद्यार्थियों को जोड़ने में भी सहायक होंगे। हरियाणा वेल्फेयर सोसायटी फॉर पर्सन्स विद स्पीच एंड हियरिंग इंपेयरमेंट की परियोजना अधिकारी पल्लवी ने मूक व बधिर व्यक्तिओं की शैक्षणिक जरूरतों के लिए इन दोनों पाठ्यक्रमों को अहम बताया। पल्लवी ने भारत सरकार द्वारा भारतीय सांकेतिक भाषा को प्रोत्साहन देने व हरियाणा में वेल्फेयर सोसायटी के कार्यों व शैक्षणिक गतिविधियों की जानकारी भी सांझा की। इस मीडिया इंटरैक्शन कार्यक्रम का संचालन तथा समन्वयन निदेशक जनसंपर्क सुनित मुखर्जी ने किया। मुखर्जी ने कहा कि एमडीयू समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ ही यूनिवर्सिटी आउटरिच का रास्ता भी प्रशस्त कर रहा है। सांकेतिक भाषा शिक्षकों श्रेया व इमरान ने इस अवसर पर सांकेतिक भाषा के प्रयोग तथा व्याख्या का प्रदर्शन किया। डीन एकेडमिक एफेयर्स प्रो. नवरतन शर्मा ने कहा कि कुलपति प्रो. राजबीर सिंह तथा हरियाणा वेल्फेयर सोसायटी की अध्यक्ष डॉ. शरणजीत कौर के विशेष प्रयासों की वजह से एमडीयू में सेंटर ऑफ डिसएबीलिटी स्टडीज की स्थापना हुई है। एनईपी 2020 के समावेशी शिक्षा के लक्ष्य प्राप्ति में यह सेंटर अहम भूमिका निभाएगा।