हरियाणा की ऐतिहासिक विरासत, सांस्कृतिक विशिष्टता को युवा वर्ग में प्रचारित-प्रसारित करने की जरूरतः राजबीर देसवाल

रघुवेंद्र मलिक द्वारा सृजित हरियाणा की धरोहर प्रदर्शनी लुभा रही दर्शकों को। Girish Saini Reports

हरियाणा की ऐतिहासिक विरासत, सांस्कृतिक विशिष्टता को युवा वर्ग में प्रचारित-प्रसारित करने की जरूरतः राजबीर देसवाल

रोहतक। हरियाणा के ऐतिहासिक योगदान, इस प्रांत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, हरियाणा के सैन्य विरासत की गौरव गाथा शुक्रवार को एमडीयू में जारी हरियाणा लिटरेरी फेस्टिवल 2022 के दूसरे दिन आमंत्रित विशिष्ट वक्ताओं ने प्रस्तुत की। हरियाणा पुलिस के सेवानिवृत अधिकारी अतिरिक्त महानिदेशक तथा प्रतिष्ठित लेखक राजबीर देसवाल ने हरियाणा के इतिहास, महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल, हरियाणवी समाज तथा सांस्कृतिक विशिष्टता पर विशेष व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि हरियाणा की ऐतिहासिक विरासत, सांस्कृतिक विशिष्टता को युवा वर्ग में प्रचारित-प्रसारित करने की जरूरत है। सैन्य अधिकारी सेवानिवृत ले.ज. राज कादयान ने हरियाणा के गौरवशाली सैन्य इतिहास की विस्तृत जानकारी अपने व्याख्यान में दी। हरियाणा के इतिहास के विविध पहलुओं के बारे में निशांत दहिया ने, क्षेत्रीय तथा राष्ट्रीय अस्मिता के पहलुओं पर स्वाति बुधवार ने, हरियाणा के लोक साहित्य पर डॉ. पूर्णचंद्र शर्मा व संतराम देसवाल ने तथा हरियाणा की सांस्कृतिक विरासत पर डॉ. रणबीर सिंह फोगाट ने एचएलएफ में चर्चा की। आदित्य सांगवान ने इतिहास के पन्नों से बेगम सुमरो, जार्ज थॉमस तथा कर्नल जेम्स स्किनर संबंधित जानकारी साझा की। 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में थर्ड कैवलरी संबंधित वार्ता डॉ. यूवी सिंह और अमर सिंह ने की। महाभारत में महिलाओं के वर्णन पर डॉ. प्रमोदिनी वर्मा, अल्का जाखड़ तथा डॉ. प्रवीण शर्मा ने चर्चा की। कर्नल योगेंद्र सिंह ने गांव गणतंत्र तथा नैतिक अर्थशास्त्र पर चर्चा की। हरियाणा लिटरेरी फेस्टिवल 2022 में हरियाणा इतिहास एवं संस्कृति अकादमी, कुरुक्षेत्र के तत्वावधान में सैन्य विरासत प्रदर्शनी लगाई गई है। इसके अतिरिक्त प्रतिष्ठित संस्कृति कर्मी रघुवेंद्र मलिक द्वारा सृजित हरियाणा की धरोहर प्रदर्शनी भी लगाई गई है। इस प्रदर्शनी में लकड़ी की परात, कोथली, न्यौली, घीया तुंबा, शीशे व कढ़ाई के काम की घाघरी, डालडी, दीपदान, चमड़े की तागड़ी जैसी विलुप्त चीजें प्रदर्शित की गई हैं। इस प्रदर्शनी का अवलोकन करने पहुंच रहे विद्यार्थी व शहर के प्रबुद्धजनों को ये धरोहर लुभा रही है। गौरतलब है कि एमडीयू के हरियाणा अध्ययन केंद्र तथा छात्र कल्याण कार्यालय के तत्वावधान में यह तीन दिवसीय फेस्टिवल आयोजित किया जा रहा है। एचएलएफ के संयोजक हरियाणा अध्ययन केंद्र के निदेशक प्रो. जेएस धनखड़ ने बताया कि इस फेस्टिवल के समापन समारोह में 26 नवंबर को भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद के अध्यक्ष पद्मश्री प्रो. राघवेंद्र तंवर मुख्य अतिथि होंगे। शुक्रवार को हरियाणा की संस्कृति को दर्शाते गीत तथा नृत्यों की प्रस्तुतियां भी दी गई।