किशोर न्याय अधिनियम जागरूकता पर कार्यशाला आयोजित।

Girish Saini Reports

किशोर न्याय अधिनियम जागरूकता पर कार्यशाला आयोजित।

रोहतक। जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा उपायुक्त यशपाल के मार्गदर्शन में जिला विकास भवन के डीआरडीए सभागार में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में किशोर न्याय अधिनियम 2015, किशोर न्याय मॉडल नियम 2022, पोक्सो अधिनियम 2012, अडॉप्शन नियम 2022 व साइबर अपराधों के बारे में जानकारी प्रदान की गई। कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि पुलिस अधीक्षक उदय सिंह मीणा ने शिरकत की। विशिष्ट अतिथि के तौर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी वैशाली उपस्थित हुई। कार्यशाला में पुलिस अधिकारियों, एसजेपीयू के सदस्यों के साथ बाल कल्याण समिति के सदस्य, किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य, बाल देखरेख संस्थानों के अधीक्षक व अन्य स्टाफ सदस्य मौजूद रहे। जिला बाल संरक्षण इकाई के सभी सदस्यों ने भी इस एक दिवसीय कार्यशाला में भाग लिया। इस कार्यक्रम में बतौर रिसोर्स पर्सन एडवोकेट अरविन्द खुरानिया ने सभी सदस्यों को किशोर न्याय अधिनियम की विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि अधिनियम में यह प्रावधान है कि प्रत्येक पुलिस थाने में बच्चों के लिए एक चाइल्ड फ्रेंडली कॉर्नर हो ताकि आपात स्थिति में बच्चों को वहां रखा जा सके। बालकों को पुलिस थाने में यदि आवश्यक हो तो केवल दिन के समय ही बुलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि बाल कल्याण समिति में सदस्य के तौर पर नियुक्त होने की अधिकतम आयु 65 वर्ष निर्धारित कर दी गई है। पोक्सो अधिनियम की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि यह कानून 18 वर्ष के कम आयु के बच्चों के लिये ही कार्य करता है। जिला बाल संरक्षण अधिकारी कुलदीप सिंह ने उपस्थित सदस्यों का स्वागत किया और कहा कि किशोर न्याय अधिनियम 2015 बच्चों के बाल हित में काम करता है। इस अधिनियम को सही तरीके से लागू करवाने के लिए अधिनियम की जानकारी होना जरूरी है। अधिनियम की बारीकियों को सही तरीके से जानने के लिए ही इस एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिला कार्यक्रम अधिकारी वैशाली ने उपस्थित सदस्यों का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम आगे भी समय-समय पर आयोजित किए जाएंगे।