World Population Day 2022:
साल 1990 से यह सिलसिला लगातार चला आ रहा है। वर्ष 1989 में यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम (UNDP) की गवर्निंग काउंसिल ने 11 जुलाई की तारीख को विश्व जनसंख्या दिवस के तौर पर मनाने का फैसला किया था।

दरअसल, साल 1987 में दुनिया की आबादी 5 अरब के आंकड़े को पार कर गई थी। ऐसे में अब जरूरत थी कि बढ़ती जनसंख्या और हमारी धरती के पर्यावरण और विकास पर इसका असर क्या होगा, इसपर भी ध्यान दिया जाए। इसी मामले पर पूरी दुनिया को जागरूक करने के लिए जनसंख्या दिवस को मनाने की शुरुआत की गई थी। इस साल इस कार्यक्रम की थीम है- 8 अरब की दुनिया: सभी के लिए एक लचीले भविष्य की ओर - अवसरों का दोहन और सभी के लिए अधिकार और विकल्प सुनिश्चित करना। दुनिया में इंसानों की कुल आबादी करीब 7.95 अरब है। कुछ ही महीने में यह 8 अरब के आंकड़े को पार कर जाएगी।दुनिया के सबसे बड़ी जनसंख्या वाले देश चीन और भारत हैं।साल 2023 तक भारत चीन को पीछे छोड़कर दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश बन जाएगा। बढ़ती जनसंख्या का सबसे मुख्य कारण प्रजनन दर में बढ़ोतरी और मृत्यु दर में कमी को कहा जा सकता है। कम जनसंख्या वाले देशों में आपको सुख-सुविधाएं और विकास ज्यादा देखने को मिलता है। वहीं, भारत और चीन जैसी बड़ी जनसंख्या वाले देश अब भी विकासशील बने हुए हैं।एक तरफ चीन, रूस और कई अन्य देश अब प्रजनन दर को बढ़ावा दे रहे हैं तो वहीं भारत में संसाधनों की कमी और जनसंख्या की बहुलता को भी दरकिनार नहीं किया जा सकता है।