व्यवसाय और प्रबंधन विषय पर एचएसबी की 15वां वार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू।
गिरीश सैनी

हिसार, गिरीश सैनी। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस के सौजन्य से व्यवसाय और प्रबंधन विषय पर दो दिवसीय 15वां वार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन वीरवार से चौधरी रणबीर सिंह सभागार में आरंभ हुआ। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पूर्व सचिव व विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डा. आर.के. चौहान सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कुलपति प्रो. बलदेव राज काम्बोज ने समारोह की अध्यक्षता की। आईएमटी गाजियाबाद के पूर्व डीन एकेडमिक एंड रिसर्च प्रो. सुरेन्द्र बतरा सम्मेलन के मुख्य वक्ता थे। एक्सिस बैंक के कलस्टर हैड अखिल मंगल व विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. अवनीश वर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में समारोह में उपस्थित रहे। एचएसबी के अधिष्ठाता प्रो. कर्मपाल नरवाल सम्मेलन के मेंटर तथा एचएसबी के निदेशक प्रो. बी.के. बिश्नोई सम्मेलन के निदेशक हैं। सम्मेलन के संयोजक डॉ. सुरेश कुमार भाकर तथा डा. विजेन्द्र पाल सैनी हैं। मुख्य अतिथि डॉ. आर.के. चौहान ने विश्वविद्यालय में कुलपति के रूप में अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि इस विश्वविद्यालय में जबरदस्त कार्यक्षमता है। इसी कार्यक्षमता के चलते विश्वविद्यालय ने नैक के पहले मूल्यांकन में ही ए ग्रेड हासिल कर लिया था। उन्होंने नई शिक्षा नीति के मुख्य बिंदुओं पर चर्चा की तथा इस संबंध में अपने महत्वपूर्ण सुझाव व विवेचना भी प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि भारत के विश्वविद्यालय शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं। शिक्षकों की भर्तियां समय पर होनी चाहिए। उन्होंने शिक्षकों के ज्ञान में लगातार वृद्धि करने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि शिक्षकों के कौशल को बढ़ावा देने के लिए कोर्स करवाने वाली संस्थाओं को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत शोध व नवाचार के क्षेत्र में अभी भी बहुत पीछे है। इसको बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि वे प्रोजेक्टस के माध्यम से विश्वविद्यालय के लिए फंड जुटाने का कार्य करें। उन्होंने शोध तथा नवाचार के क्षेत्र में देश का बजट बढ़ाए जाने की भी वकालत की। कुलपति प्रो. बलदेव राज काम्बोज ने अपने संबोधन में कहा कि समय तेजी से बदल रहा है। प्रबंधन इस बदलाव के केन्द्र में है। यदि हमारा प्रबंधन ठीक हो तो हम कोई भी लक्ष्य हासिल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत एक आगे बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है। भारत आर्थिक शक्ति बनने की ओर अग्रसर है। वैश्विक स्तर पर आ रही अनेक चुनौतियों के बावजूद आज भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। उन्होंने भारत की बढ़ती आर्थिक ताकत में हरियाणा के योगदान को अग्रणी बताया। उन्होंने आह्वान किया कि हमें समाज तथा राष्ट्र के उत्थान में अपने योगदान के लिए हमेशा आगे रहना चाहिए। कुलपति ने बताया कि हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस की अगला सम्मेलन 8 व 9 फरवरी 2024 को होगा। इस सम्मेलन के संयोजक डॉ. हिमानी व डॉ. वनिता होंगी। मुख्य वक्ता प्रो. सुरेन्द्र बतरा ने अपने सम्बोधन में अपने जीवन के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि कोविड-19 के बाद जहां विश्व ने अनेक परेशानियों व चुनौतियों का सामना किया है, वहीं नई संभावनाओं के द्वार भी खोले हैं। उन्होंने कहा कि साइबर सिक्योरिटी वर्तमान समय की एक बड़ी चुनौती बन चुकी है। उन्होंने भारत को दुनिया का सबसे युवा देश बताते हुए कहा कि युवाओं को गुणवत्तापरक शिक्षा तथा उनके कौशल को विकसित करने के पर्याप्त मौके मिलने चाहिएं। विशिष्ट अतिथि अखिल मंगल ने अपने सम्बोधन में बैंकिंग व्यवस्था के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बैंकिंग व्यवस्था में बहुत तेजी से बदलाव हो रहे हैं। उन्होंने मोबाइल एप को बैंकिंग व्यवस्था का महत्वपूर्ण टूल बताया। कुलसचिव प्रो. अवनीश वर्मा ने कहा कि सही वस्तु को सही स्थान पर रखना अर्थात व्यक्ति से उसकी योग्यता के अनुसार काम लेना प्रबंधन है। उन्होंने कहा कि प्रबंधन के क्षेत्र में समय पर काम को निपटाना आवश्यक है। प्रबंधन के बिना कहीं कुछ नहीं है। निदेशक प्रो. वी.के. बिश्नोई ने जम्भवाणी की चौपाइयों को उद्धृत करते हुए गुरु ज्ञान का महत्व बताते हुए सबका स्वागत किया तथा सम्मेलन में आए मेहमानों के बारे में जानकारी दी। इस मौके पर हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस द्वारा प्रकाशित यूजीसी केयर लिस्ट जर्नल तथा एक पुस्तक का विमोचन भी किया गया। अधिष्ठाता प्रो. कर्मपाल नरवाल ने अपने संबोधन में हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस की अब तक की यात्रा का वर्णन किया तथा बताया कि हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस ने अपनी स्थापना के बाद से अब तक अनेक उच्चस्तरीय मापदंड स्थापित किए हैं।