Kashi Vishwanath Temple: चौखट से शिखर तक स्वर्णिम हुआ काशीपुराधिपति का दरबार, बाहरी दीवारों तक लगाया गया सोना

जटाजूट, भूतभावन, राजराजेश्वर काशीपुराधिपति का मंदिर अब स्वर्णिम आभा से दैदीप्यमान होगा।

Kashi Vishwanath Temple: चौखट से शिखर तक स्वर्णिम हुआ काशीपुराधिपति का दरबार, बाहरी दीवारों तक लगाया गया सोना

काशी विश्वनाथ धाम में आने वाले श्रद्धालु अब बाबा का दर्शन स्वर्णिम दरबार में कर सकेंगे। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह के बाद बाहरी दीवारें पर स्वर्ण्म चमक बिखेरने लगी हैं।श्री काशी विश्वनाथ का मंदिर अब पूरी तरह से स्वर्णमयी स्वरूप में नजर आने लगा है। श्री काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण के बाद बाबा के दरबार को भव्य स्वरूप देने की कवायद शुरू हुई थी। मंदिर के गर्भगृह को स्वर्णमंडित करने के बाद बाहरी दीवारों को भी सोने से मढ़ दिया गया है। बाबा के धाम में आने वाला हर भक्त बाबा के स्वर्णिम मंदिर की आभा देखकर अभिभूत है। स्वर्णमयी अन्नपूर्णा की नगरी में काशीपुराधिपति का स्वर्णिम दरबार भी सज चुका है। गर्भगृह की दीवारों पर सोना मढ़ने का काम दिल्ली की कंपनी ने पूरा किया है। इसमें जमीन से आठ फीट की ऊंचाई तक सोना लगाया गया है। इसके बाद शिखर से लेकर चौखट तक पूरी तरह से स्वर्णमयी हो गया है। बाहरी दीवारों को लगभग 23 किलो सोने से स्वर्ण मंडित किया गया है। दक्षिण भारतीय शिव भक्त से दान में मिले सोने से मंदिर के गर्भगृह की भीतरी दीवारों को तो स्वर्ण मंडित किया गया था। मंदिर की स्वर्णिम दीवारों पर तांबे के सांचे के अनुसार मढ़ा जाएगा सोना मंदिर के गर्भगृह में 37 किलो सोना लगा था और यह काम महाशिवरात्रि से पूर्व हो गया था। उसी वक्त यह निर्णय लिया गया था कि अब बाहरी दीवारों पर भी सोना मढ़ा जाएगा, लेकिन महाशिवरात्रि, रंगभरी एकादशी और होली जैसे त्योहारों के चलते बाहरी दीवारों को स्वर्ण मंडित करने का काम स्थगित कर दिया गया था। एक महीने पहले सोना मढ़ने का काम शुरू हुआ और सोमवार को पूरा हो गया। गर्भगृह की वाह्य दीवारों पर सोना मढ़ने के लिए तांबे का सांचा तैयार करके बांस-बल्लियां लगाई गई थीं। पहले तांबे का सांचा तैयार किया गया और फिर अगले चरण में तांबे के सांचे के अनुसार सोना मढ़ा गया। महाराज रणजीत सिंह ने कराया था शिखर को स्वर्ण मंडित 1780 में इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने मंदिर का निर्माण कराया था। शाह शुजाउद्दौला से युद्ध में जीते गए सोने के एक तिहाई भाग को पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह ने बाबा के दरबार में अर्पित किया था। उसी समय काशी विश्वनाथ के दो शिखर स्वर्ण मंडित किए गए थे। पीएम मोदी की मां के वजन के बराबर लगा है सोना श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की गर्भगृह और बाहरी दीवारों पर कुल 60 किलो सोना लगाया गया है। सूत्रों का कहना है कि पीएम नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन के वजन के बराबर ही मंदिर परिसर में सोना दान किया गया है। स्वर्ण आभा से दमक रहे गर्भगृह की पहली तस्वीर पीएम मोदी के काशी दौरे के दौरान ही सामने आई थी। गर्भगृह में 37 किलोग्राम और बाहरी दीवारों पर 23 किलोग्राम सोना लगाया गया है। स्वर्ण पत्तरों के ऊपर चढ़ाई जा रही प्लास्टिक की परत मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में गर्भगृह को स्वर्ण मंडित करने के बाद उसकी सुरक्षा के लिए प्लास्टिक (एक्रेलिक) की पारदर्शी परत चढ़ाई जा रही है। दो दिन में यह कार्य भी पूर्ण हो जाएगा। गर्भगृह में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं द्वारा स्वर्णिम दीवारों को स्पर्श करने के कारण उस पर खरोंच आ रही थी। इससे चमक कम होने का खतरा था।