आज कानून की शिक्षा विद्यार्थियों की प्रथम प्राथमिकता बन चुकी हैः कुलपति प्रो. राजबीर सिंह
Girish Saini Reports

रोहतक। गीत, संगीत, नृत्य और नाटक के सतरंगी रंगों की मनोरम छटा वीरवार को एमडीयू के विधि विभाग द्वारा राधाकृष्णन सभागार में आयोजित लॉ फेस्ट सांस्कृतिक कार्यक्रम में बिखरी। कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने बतौर मुख्यातिथि लॉ फेस्ट का शुभारंभ पारंपरिक दीप प्रज्ज्वल के साथ करते हुए बैसाखी की बधाई दी। उन्होंने जलियांवाला बाग के शहीदों को नमन करते हुए श्रद्धांजलि दी। कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रम मात्र मनोरंजन के लिए नहीं होते, अपितु इससे विद्यार्थियों के कौशल में निखार आता है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी इस तरह के कार्यक्रमों में बढ़चढ़ कर भाग लेते हुए अपने हुनर को तराशें। उन्होंने कहा कि विधि विभाग एमडीयू की शान है। यह गर्व की बात है कि यहां के विद्यार्थी आज देश-विदेश में ऊंचे पदों पर हैं। जिला न्यायालय से लेकर सर्वोच्च न्यायालय में जज हैं तथा देश में सबसे ज्यादा ज्यूडिशियल ऑफिसर्स एमडीयू के लॉ विभाग ने दिए हैं। कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि आज कानून की शिक्षा विद्यार्थियों की प्रथम प्राथमिकता बन चुकी है। उहोंने कहा कि लॉ की शिक्षा व्याहारिक ज्ञान है, जिसमें हार्ड स्किल के साथ साथ सॉफ्ट स्किल पर फोकस करने की जरूरत है। जिससे यहां से निकलने वाले विद्यार्थी ट्रेंड प्रोफेशनल हों और उनकी अलग पहचान बनें। कुलपति ने विधि विभाग में विद्यार्थियों को हर संभव सुविधा देने की बात कही। उन्होंने इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी तथा इस भव्य आयोजन के लिए विभाग को बधाई दी। विधि विभागाध्यक्ष डॉ. जितेंद्र ढुल ने प्रारंभ में स्वागत भाषण दिया। बतौर विशिष्ट अतिथि समाजसेवी सुरेश गुप्ता ने जीवन में बेहतर इंसान बनने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने उद्यमिता की राह अपनाकर रोजगार सृजन करने का आह्वान किया। कार्यक्रम के दौरान विधि विभाग के पूर्व प्राध्यापक स्वर्गीय डॉ. वेदपाल को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। डॉ. प्रदीप लाकड़ा ने मंच संचालन किया। डॉ. अनुसूया यादव ने समन्वयन किया। डीन, फैकल्टी ऑफ लॉ प्रो. कविता ढुल ने आभार जताया। निदेशक युवा कल्याण डॉ. जगबीर राठी ने कार्यक्रम में अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से समां बांधा। कार्यक्रम में विधि विभाग के विद्यार्थियों ने गीत-संगीत, नृत्य, कविता पाठ, नाटक समेत अन्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की मनमोहक प्रस्तुतियां देकर अपनी सांस्कृतिक प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया। इस कार्यक्रम में विभाग के प्राध्यापक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।