दिव्यांगजन के लिए उपलब्ध कानून का प्रभावी क्रियान्वयन भी जरूरीः डॉ. शरणजीत कौर
Girish Saini Reports

रोहतक। कानून तथा न्याय व्यवस्था को दिव्यांगजन के लिए विशेष पहल करनी चाहिए। दिव्यांगजन के लिए उपलब्ध कानून का प्रभावी क्रियान्वयन भी जरूरी है। यह बात एमडीयू कुलपति की पत्नी, प्रतिष्ठित सोशल एक्टिविस्ट डॉ. शरणजीत कौर ने एमडीयू के विधि विभाग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन सत्र में बतौर मुख्यातिथि कही। डॉ. शरणजीत कौर ने अपने संबोधन में मूक तथा बधिर व्यक्तियों की संघर्ष गाथा तथा उनके कल्याण के लिए जरूरी कानूनी पहल की चर्चा की। उन्होंने इस राष्ट्रीय संगोष्ठी के आयोजन के लिए विधि विभाग की पूरी टीम को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। डॉ. शरणजीत कौर ने उत्कृष्ट शोध पत्र प्रस्तुत करने वाले प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट प्रदान किए और उनका हौसला बढ़ाया। विधि विभागाध्यक्ष डॉ. जितेन्द्र सिंह ढुल तथा विधि संकाय की अधिष्ठाता प्रो. कविता ढुल ने संबोधन किया तथा कानून एवं समाज के अंतर्संबंधों पर प्रकाश डाला। आयोजन सचिव डॉ. प्रदीप लाकड़ा ने मंच संचालन किया। कंवीनर डॉ. अनुसूया यादव ने आभार प्रदर्शन किया। विधि संकाय के प्राध्यापक, शोधार्थी-विद्यार्थी, सेमिनार डेलीगेट्स इस दौरान मौजूद रहे। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में 11 तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया।