गुजविप्रौवि के कन्या छात्रावास में काव्य-गोष्ठी आयोजित।
Girish Saini Reports

हिसार। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कन्या छात्रावास तीन में बैसाखी की पूर्व संध्या पर काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में महिला कवयित्रियों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की। कुलपति प्रो. बलदेव राज काम्बोज ने अपने संदेश में कहा कि यह आयोजन एक अच्छा प्रयास है। इससे छात्राओं को महिला कवयित्रियों की प्रतिभा को जानने तथा इससे प्रेरणा लेने का मौका मिलता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम लेखन प्रतिभाओं को मंच देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। चीफ वार्डन गर्ल्स प्रो. सुजाता सांघी ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। प्रो. सरोज व डिप्टी चीफ वार्डन डॉ. मीनाक्षी भाटिया कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि थी। जानी-मानी कवयित्रियों अनीता जैन, रिंपी लीखा, डॉ. मीनाक्षी, प्रो. सरोज, डॉ. गीतू, पूनम मनचंदा सहित छात्रावास की छात्राओं ने भी काव्य पाठ किया। मुख्य अतिथि प्रो. सुजाता सांघी ने कहा कि जिस शहर में कविता जिंदा है, वो शहर कभी नहीं मर सकता। उन्होंने सभी कवयित्रियों का धन्यवाद करते हुए छात्राओं को जीवन में पढ़ाई के साथ-साथ अपनी संवेदनाओं तथा जज्बातों को भी जिंदा रखने का आह्वान किया। कवयित्री रिंपी लीखा ने लड़कियों के जीवन को दर्शाती अपनी गजल में कहा कि - घायल भी हैं जर्जर भी हैं कमरे की खिड़कियां। देखें तुम्हें तरसती हैं कमरे की खिड़कियां। वहीं वरिष्ठ कवयित्री अनीता जैन ने अपनी गजल - खंजर यार चुभो देंगे, अपनी पीठ घुमा के शेरों से छात्राओं में जोश भर दिया। कवयित्री पूनम मनचंदा ने बैसाखी को समर्पित टप्पों के माध्यम से कहा कि - जलियांवाला याद दिलाता,वीरों की कुर्बानी की। आहुति दी आजादी खातिर,जिनने मस्त जवानी की। कार्यक्रम का आगाज अतिथियों द्वारा मां सरस्वती को पुष्पांजलि अर्पित करते हुए किया गया। छात्राओं ने भी कविताएं तथा शेर सुना कर खूब वाहवाही लूटी। गर्ल्स हॉस्टल तीन की वार्डन मोनिका लांबा ने सभी का धन्यवाद किया। इस मौके पर कोऑर्डिनेटर डॉ. अनु गुप्ता, डॉ. ज्योति, वार्डन रितु यादव, मोनिका लांबा, सुमन भोला, मनजीत सहित अन्य स्टाफ व छात्राएं मौजूद रही।