श्रेष्ठ प्रतिभागियों को न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने "खुशियों के नवरत्न" पुरस्कार से नवाजा।

Girish Saini Reports

श्रेष्ठ प्रतिभागियों को न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने "खुशियों के नवरत्न" पुरस्कार से नवाजा।

रोहतक। मदवि में स्थापित हैप्पीट्यूड लैबोट्री (मनोल्लास प्रयोगशाला) के उद्घाटन कार्य़क्रम के दौरान भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने -ड्रॉ ए हैप्पी पर्सन कंटेस्ट के नौ श्रेष्ठ प्रतिभागियों को "खुशियों के नवरत्न" पुरस्कार से सम्मानित किया। खुशी को जीवन के कण-कण में समाहित करने और खुशनुमा माहौल सृजित करने के उद्देश्य से आयोजित ड्रॉ ए हैप्पी पर्सन कंटेस्ट कार्यक्रम में मदवि के विद्यार्थियों, शोधार्थियों, गैर शिक्षक कर्मियों तथा प्राध्यापकों ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर अपनी रचनात्मक अभिव्यक्ति का प्रदर्शन किया। सभी प्रतिभागियों ने चुटीले नारों, खुशनुमा चेहरों, हैप्पीनेस के प्राकृतिक कनेक्ट, जीवन में खुशी के विविध पहलुओं की बेहतरीन अभिव्यक्ति की। इस कार्यक्रम का संयोजन-संचालन मनोविज्ञान विभाग की प्रोफेसर डॉ. अंजलि मलिक तथा डॉ. दीप्ति हुड्डा ने किया। प्रो. दीप्ति हुड्डा ने बताया कि तीन प्राध्यापकों- माइक्रोबायोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राजीव कुमार कपूर, निदेशक जनसंपर्क तथा पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के सहायक प्रोफेसर सुनित मुखर्जी और सेंटर फॉर बॉय इंर्फोमेटिक्स की सहायक प्रोफेसर डॉ. महक डांगी को "खुशियों के नवरत्न पुरस्कार" से नवाजा गया। गैर शिक्षक कर्मियों में इंदू, अमरजीत व नितिन तथा विद्यार्थियों में दृश्य कला विभाग के साक्षी व जतिन तथा कंप्यूटर साइंस विभाग की शिखा को सम्मानित किया गया। इसके अलावा सेंटर फॉर डिसेबिलिटी स्टडी के रूपेश सिंह की कृति को भी विशेष रूप से सराहा गया। मुख्य अतिथि ने सभी श्रेष्ठ प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए। इस मौके पर न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पत्नी सविता, एमडीयू की प्रथम महिला डॉ. शरणजीत कौर, कुलसचिव प्रो. गुलशन लाल तनेजा सहित अन्य अधिकारी, प्राध्यापक, शोधार्थी व विद्यार्थी मौजूद रहे