शोधार्थी शोध का उपयोग राष्ट्र विकास तथा समाज कल्याण के लिए करेः प्रो. राजबीर सिंह
Girish Saini Reports

रोहतक। शोध मानव ज्ञान को दिशा प्रदान करता है। शोधार्थी शोध का उपयोग राष्ट्र विकास तथा समाज कल्याण के लिए करें। यह उद्गार एमडीयू के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने सोमवार को स्वराज सदन में सात दिवसीय शोध प्रविधि कार्यशाला के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किए। एमडीयू की फैकल्टी ऑफ लाइफ साइंसेज, फैकल्टी ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज, फोरेंसिक साइंस विभाग तथा चौ. रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल एंड इकोनॉमिक चेंज के संयुक्त तत्वावधान में इस सात दिवसीय शोध कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने अपने संबोधन में शोधार्थियों को देश एवं समाज की उन्नति के लिए शोध कार्य करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्यशाला के आयोजन का उद्देश्य प्रतिभागी शोधार्थियों की नींव को मजबूत करना, शोध के प्रति उनकी समझ को विकसित करना, शोध की परिभाषा, प्रकार, विभिन्न चरणों, विभिन्न सॉफ्टवेयर व टूल्स के सही इस्तेमाल बारे उनके ज्ञान में अभिवृद्धि करना है। उन्होंने शोधार्थियों से पूरी लगन एवं तन्मयता के साथ इस कार्यशाला में भाग लेने का आह्वान किया। प्रतिष्ठित शिक्षाविद्, तेजपुर यूनिवर्सिटी के सेवानिवृत कुलपति एवं जेएनयू के सेवानिवृत प्रोफेसर डॉ. विनोद कुमार जैन ने बतौर मुख्यातिथि इस कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में शिरकत की। प्रो. विनोद कुमार जैन ने अपने संबोधन में कहा कि शोधार्थी अपने शोध के लिए देश के लिए वेल्थ जनरेट करे और शोध का उपयोग मानव कल्याण के लिए करें। उन्होंने शोधार्थियों को गुणवत्तापरक शोध की महत्ता से अवगत करवाते हुए गुणवत्तापूर्ण शोध कार्य करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने ग्लोबल इन्नोवेशन पर बल देने की बात कही। चौ. रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल एंड इकोनॉमिक चेंज सीआरएसआईईसीके निदेशक प्रो. ए.के. राजन ने चौ. रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट की विकास यात्रा पर प्रकाश डालते हुए इसमें आयोजित की जाने वाली शैक्षणिक एवं शोध गतिविधियों बारे जानकारी दी। उन्होंने शोध के विभिन्न पहलुओं से प्रतिभागी शोधार्थियों को अवगत करवाया। फैकल्टी ऑफ लाइफ साइंसेज विभागाध्यक्ष प्रो. राजेश धनखड़ ने प्रारंभ में स्वागत भाषण दिया तथा शोध की महत्ता पर प्रकाश डाला। कार्यशाला कोऑर्डिनेटर डा. अजीत कुमार ने कार्यशाला की विषय वस्तु पर प्रकाश डाला। फोरेंसिक साइंस विभागाध्यक्ष डॉ. नीलकमल ने आभार जताया। डॉ. महक डांगी ने मंच संचालन किया। इस मौके पर कार्यशाला की कंवीनर एवं फैकल्टी ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज की डीन प्रो. संजू नंदा, विभिन्न विभागों के अध्यक्ष, प्राध्यापक एवं प्रतिभागी शोधार्थी मौजूद रहे। इस कार्यशाला में उद्घाटन सत्र के बाद पीजीआईएमएस के वरिष्ठ चिकित्सक प्रो. महेश गुप्ता ने हूमैन एथिक्स इन बायो रिसर्च, पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के प्रो. एनआर धामीवाल ने- टेक्नीक्स इन बायो रिसर्च तथा पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के प्रो. प्रिंस शर्मा ने- वैक्सीन डेवलपमेंट एंड कमर्शियल प्रॉस्पेक्ट्स विषय पर विशेष व्याख्यान दिए।