स्वामी विवेकानंद एक व्यक्ति नहीं, एक सशक्त विचार एवं दर्शन हैः कुलपति प्रो. राजबीर सिंह
Girish Saini Reports

रोहतक। शिक्षा एक ऐसा माध्यम है, जिससे राष्ट्र का उत्थान कर सकते हैं। स्वामी विवेकानंद ने शिक्षा को समाज का आधार माना है। आज जरूरत है विद्यार्थी स्वामी विवेकानंद के जीवन एवं विचारों से प्रेरणा लेते हुए राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दें। यह बात वीरवार को महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने राष्ट्रीय युवा दिवस पर विवेकानंद पुस्तकालय में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते हुए कही। कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने इस अवसर पर विवेकानंद पुस्तकालय में स्वामी विवेकानंद के जीवन से संबंधित पुस्तक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया। कुलपति ने कहा कि स्वामी विवेकानंद एक व्यक्ति नहीं, एक सशक्त विचार एवं दर्शन हैं। एक ऐसी बुनियाद हैं जिस पर भारत का विराट सांस्कृतिक महल खड़ा है। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने अध्यात्म, वैश्विक मूल्यों, चरित्र निर्माण, शिक्षा एवं समाज को बहुत विस्तृत एवं गहरे आयामों में विश्लेषित किया है। कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के विचार युवाओं के लिए प्रासंगिक एवं अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद से प्रेरित होकर युवा वर्ग चरित्र निर्माण करें। उन्होंने विद्यार्थियों से दूसरों से ईर्ष्या-द्वेष छोड़कर खुद से प्रतिस्पर्धा करने की बात कही। प्रतिष्ठित शिक्षाविद् सीता राम व्यास ने भी इस अवसर पर स्वामी विवेकानंद के जीवन से प्रेरणा लेते हुए युवाओं को समाज एवं राष्ट्र निर्माण में अपने दायित्व का निर्वहन करने की बात कही। इस मौके पर कुलसचिव प्रो. गुलशन लाल तनेजा, डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. नवरतन शर्मा, डीन कॉलेज डेवलपमेंट काउंसिल प्रो. ए.एस. मान, लाइब्रेरियन डॉ. सतीश मलिक, प्रो. नसीब सिंह गिल, प्रो. रणदीप राणा, प्रो. राजेश पूनिया, प्रो. सुमित गिल, मडूटा प्रधान डॉ. विकास सिवाच, निदेशक जनसंपर्क सुनित मुखर्जी, डॉ. सौरभ कांत, डॉ. गोपाल, डॉ. सुखविन्द्र, डॉ. सुंदर सिंह तंवर, पीआरओ पंकज नैन सहित मदवि के शिक्षक, गैर शिक्षक कर्मी, शोधार्थी एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।