मानवीय सरोकारों की पत्रकारिता करें मीडिया विद्यार्थी: मुखर्जी।
गिरीश सैनी Report

रोहतक। मीडिया जगत, पत्रकारिता तथा पत्रकारिता एवं जनसंचार शिक्षण को कोविड महामारी ने काफी प्रभावित किया है। पत्रकारिताएवं जनसंचार क्षेत्र में बदलाव के चलते सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) का हस्तक्षेप इस क्षेत्र में बढ़ा है। आज जरूरत है किमीडिया के विद्यार्थी आसीटी टूल्ज से जुड़े, लेकिन समाज के सामाजिक-आर्थिक-सांस्कृतिक पहलुओं को भी समझें। ताकि मानवीयसरोकारों की पत्रकारिता की जा सके। यह कहना है एमडीयू के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के सहायक प्रोफेसर तथा निदेशकजनसंपर्क सुनित मुखर्जी का। मुखर्जी ने भारतीय जनसंचार संस्थान, नई दिल्ली में आयोजित इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर मीडिया एंड कम्यूनिकेशन रिसर्च के क्षेत्रीय सम्मेलन में अपने विचार सांझा किए। सुनित मुखर्जी ने कहा कि कोविड लॉक डाउन के दौरान नागरिक पत्रकारिता बढ़ी, रिपोर्टिंग की शैली भी प्रभावित हुई तथा स्वास्थ्य, पर्यावरण तथा ससटेनेबिलिटी के मुद्दे प्रमुख बने। इसके चलते भविष्य में स्वास्थ्य संचार अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि एकओर जहां आईसीटी तथा टैक्नोलोजी एनेब्लड लर्निंग तथा पत्रकारिता का चलन बढ़ रहा है, वहीं साइबर सुरक्षा एक चिंतनीय विषयबनकर सवाल खड़े कर रही है। ऑनलाइन ट्रॉलिंग तथा हेट स्पीच भी बेहद चिंता का विषय हैं। मीडिया अध्ययन के विद्यार्थियों तथा शोधार्थियों से पत्रकारिता एवं जनसंचार तथा संचार शोध में एक समावेशी, समग्र दृष्टिकोणअपनाने की बात कहते हुए मुखर्जी ने कहा कि इसमें समाजशास्त्र, मनोविज्ञान, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र तथा इतिहास विषयों काज्ञान तथा संबंधित सिद्धांतों की जानकारी रखनी चाहिए। इस क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन आईआईएमसी की प्रोफेसर तथा आईएएमसीआर की भारत की ब्रांड एंबेसडर प्रो. सुरभि दहिया तथाप्रियंका सचदेवा ने किया। आईआईएमसी के प्रोफेसर तथा डीन एकेडमिक्स प्रो. गोविंद सिंह ने सुनित मुखर्जी को स्मृति चिह्न भेंट करसम्मानित किया।