उत्कृष्ट शोध के लिए शोधार्थियों में जिज्ञासा भाव तथा दार्शनिक सोच होनी चाहिएः प्रो. सुरेन्द्र कुमार

Girish Saini Reports

उत्कृष्ट शोध के लिए शोधार्थियों में जिज्ञासा भाव तथा दार्शनिक सोच होनी चाहिएः प्रो. सुरेन्द्र कुमार

रोहतक। उत्कृष्ट शोध के लिए शोधार्थियों में जिज्ञासा भाव तथा दार्शनिक सोच होनी चाहिए। एमडीयू के शैक्षणिक मामलों के अधिष्ठाता प्रो. सुरेन्द्र कुमार ने सोमवार को ये उद्गार विश्वविद्यालय के मानविकी एवं कला तथा शिक्षा संकाय के पीएचडी नव-प्रवेश प्राप्त विद्यार्थियों के लिए आयोजित शोध प्रविधि कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में व्यक्त किए। एमडीयू के चौ. रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल एंड इकोनॉमिक चेंज तथा मानविकी एवं कला संकाय और शिक्षा संकाय के संयुक्त तत्वावधान में इस शोध प्रविधि कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। प्रो. सुरेन्द्र कुमार ने कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में अध्यक्षीय भाषण देते हुए कहा कि शोध निपुणता हासिल करने के लिए शोधार्थी कड़ी मेहनत करें। ये कार्यशाला शोधार्थी की शोध क्षमता-वर्धन में सहायक होगी। कार्यशाला के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा केन्द्र के उत्तर क्षेत्रीय समिति के अध्यक्ष प्रो. बनवारी लाल नाटिया ने कहा कि शैक्षणिक डिग्री की उपयोगिता इस उपाधि में गुणवत्तापरक वैल्यू एडिशन से होगी। प्रो. बनवारी लाल ने कहा कि शोध में नवाचार तथा प्रयोगधर्मिता की भी जरूरत है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को भी शिक्षा-शास्त्र तथा शिक्षण पद्धति को रोचक बनाना होगा। कार्यशाला में स्वागत भाषण शिक्षा संकाय के अधिष्ठाता प्रो. आर.पी. गर्ग ने दिया। कार्यशाला बारे विस्तारपूर्वक जानकारी मानविकी एवं कला संकाय की अधिष्ठाता प्रो. विमल ने दी। चौ. रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट के उप निदेशक प्रो. महताब सिंह ने संस्थान बारे जानकारी दी। आभार प्रदर्शन संस्कृत विभाग की अध्यक्षा प्रो. सुनीता सैनी ने किया। मंच संचालन सहायक प्रोफेसर डॉ. रवि प्रभात ने किया। कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में शोध निदेशक प्रो. ए.के. छिल्लर, मानविकी एवं कला संकाय तथा शिक्षा संकाय के विभागाध्यक्ष- प्रो. हरीश कुमार, प्रो. कुलताज सिंह, प्रो. कृष्णा जून, प्रो. रणदीप राणा, डॉ. सुनीता सैनी, डॉ. नीरू राठी समेत प्राध्यापक एवं शोधार्थी मौजूद रहे। इस कार्यशाला के तकनीकी सत्र में दिल्ली विश्वविद्यालय के संगीत एवं नृत्य संकाय की पूर्व डीन प्रो. अनुपम महाजन, रविशंकर विवि, रायपुर के शारीरिक शिक्षा विभाग के प्रो. राजीव चौधरी तथा हरियाणा केन्द्रीय विवि के प्रो. रविन्द्र पाल ने विशेष व्याख्यान दिए।