दो दिवसीय संस्कृत संभाषण कार्यशाला आयोजित

Girish Saini Reports

दो दिवसीय संस्कृत संभाषण कार्यशाला आयोजित

रोहतक। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग में दो दिवसीय संस्कृत संभाषण कार्यशाला का आयोजन किया गया। संस्कृत विभाग की अध्यक्षा डॉ. सुनीता सैनी ने बताया कि इस कार्यशाला में संस्कृत विभाग के एमए प्रथम व द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों ने सहभागिता की। इस कार्यशाला का उद्देश्य विद्यार्थियों को संस्कृत संभाषण में सक्षम बनाना रहा, जिससे विद्यार्थी अपने दैनिक व्यवहार में संस्कृत भाषा में ही बातचीत करें। कार्यशाला में प्रशिक्षण हेतु संस्कृत भारती से प्रशिक्षित पंकज भारतीय तथा विकास आर्य को विशेष रूप से आमंत्रित कर विद्यार्थियों को अभ्यास कराया गया। कार्यशाला के समापन पर विद्यार्थियों ने संवादात्मक निपुणता का प्रदर्शन भी किया। इस अवसर पर संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ. सुनीता सैनी ने छात्रों को संस्कृत भाषा में संबोधित करते हुए कहा कि विभाग एक निश्चित अंतराल पर इस तरह की कार्यशालाओं का आयोजन करता रहेगा। इस तरह की कार्यशाला के माध्यम से छात्रों में अभूतपूर्व गुणात्मक अभिवृद्धि होगी तथा व्यक्तित्व में भी सकारात्मक परिवर्तन होगा। डॉ. सैनी ने कहा कि विभाग का उद्देश्य एक ऐसा संस्कृतमय वातावरण तैयार करना है जिसमें विभाग का प्रत्येक छात्र अपने दैनिक व्यवहार में संस्कृत सम्भाषण में सक्षम हो तथा वह अपने अकादमिक भविष्य के लेकर बेहतर तरीके से तैयार हो सके। इस तरह के प्रयोगों से आजीविका के अवसर भी बढ़ेंगे। इस संस्कृत सम्भाषण कार्यशाला के संयोजक डॉ. रवि प्रभात ने बताया कि आज के प्रतिस्पर्धी युग में संस्कृत छात्रों के लिए यह आवश्यक है कि वे संस्कृत सम्भाषण में सहज तथा सक्षम हों, संस्कृत सम्भाषण अपने आप में एक स्किल है, जिससे संस्कृत के क्षेत्र में सफलता की संभावना बढ जाती है। इस कार्यशाला में छात्रों को आत्म परिचय से से लेकर दैनिक व्यवहार के सम्भाषण में आने वाले वाक्यों को सघन अभ्यास कराया गया,जिसकी झलक समापन अवसर पर स्पष्टत देखी जा सकती थी। कार्यशाला के समन्वयन में डॉ. श्रीभगवान तथा डॉ. सुषमा नारा ने विशिष्ट भूमिका का निर्वाह किया। कार्यशाला के आयोजन में शोधार्थी राहुल का भी विशेष योगदान रहा ।