वसुंधरा राजे की गहलोत सरकार को बड़ी नसीहत, RTH और डॉक्टर्स के हड़ताल पर कही ये बड़ी बात
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पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे कहा कि राज्य सरकार यह नहीं भूले कि उसका दायित्व लोगों को स्वास्थ्य सेवाएँ मुहैया करवाना है जो वह नहीं कर पा रही. इसलिए वह जल्द ही जनहित को ध्यान में रख कर उचित हल निकाले. प्रदेश में राइट टू हेल्थ बिल को लेकर सरकार और निजी अस्पतालों के बीच चल रहे घमासान के बीच पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की भी प्रतिक्रिया आई है. राजे ने कहा कि, ज़रूरतमंदों को इलाज की उचित सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हमारी भाजपा सरकार ने जब भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू की, तब भी चिकित्सा संस्थानों के बहुत सारे सवाल थे. हमने इसका सरलीकरण कर लागू किया जो कि प्रदेश में बहुत सफल रही. इसे आज चिरंजीवी के रूप में जाना जाता है. राजे ने कहा कि प्रदेश में राइट टू हेल्थ बिल के ख़िलाफ़ चल रहे चिकित्सकों के आंदोलन के कारण प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की ही नहीं, कई रोगियों की भी साँसें थम गई हैं. ऐसे में राज्य सरकार और चिकित्सकों को चाहिए कि आपस में समन्वय स्थापित कर समाज के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी का निर्वहन करें. राजे ने सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि राज्य सरकार यह नहीं भूले कि उसका दायित्व लोगों को स्वास्थ्य सेवाएँ मुहैया करवाना है जो वह नहीं कर पा रही. इसलिए वह जल्द ही जनहित को ध्यान में रख कर उचित हल निकाले. वहीं जयपुर में 13वें दिन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास की प्रेस कॉन्फ्रेंस.प्राइवेट डॉक्टर्स की हड़ताल का मामला है, प्रताप सिंह बोले, डॉक्टर्स हमारे परिवार का हिस्सा हैं, डॉक्टर्स तो हमारी सरकार की ताकत हैं. जिस सरकार ने स्वास्थ्य की इतनी बड़ी योजनाएं शुरू की.उसके लिए डॉक्टर्स कितने महत्वपूर्ण हैं. आप समझ सकते हो. मैंने सीएम से भी बात की थी. उन्होंने मुझे भी इस मामले पर बात करने के लिए कहा. सब लोग चिंतित हैं डेडलॉक तोड़ने के लिए.