दुनिया को लूटकर फ़रार हुई मोस्ट वांटेड क्रिप्टोक्वीन के लौटने की आहट

palak sharma report

दुनिया को लूटकर फ़रार हुई मोस्ट वांटेड क्रिप्टोक्वीन के लौटने की आहट

जब लंदन के एक आलीशान बंगले के बिकने की ख़बर बाज़ार में आई तो लोगों को लगा कि ख़ुद को क्रिप्टोक्वीन कहने वाली फ़रार रुजा इग्नातोवा वापस आ गईं हैं और वो अपने आलीशान घर को बेचना चाह रही हैं. उसी हफ़्ते उनका शानदार पेंटहाउस बिकने वाले मकानों की सूचि में था. ब्रिटेन के नए क़ानून के तहत पहली बार यह सार्वजनिक किया गया कि रुजा इग्नातोवा ही उस पेंटहाउस की मालकिन हैं. बाज़ार में उस बंगले की क़ीमत एक करोड़ 25 लाख ब्रितानी पाउंड यानी लगभग 125 करोड़ रुपए लगाई गई है. रुजा इग्नातोवा पिछले पांच साल से लापता हैं और फ़िलहाल वो अमेरिकी जांच एजेंसी एफ़बीआई के 10 मोस्ट वॉन्टेड की लिस्ट में शामिल हैं. बीबीसी ने पहले यह बताया था कि किस तरह से उन्होंने ख़फ़िया तरीक़े से चार कमरों का पेंटहाउस ख़रीदा था हालांकि उस समय भी यूरोप के कम से कम एक देश ने उनकी फ़र्ज़ी क्रिप्टोकरेंसी के बारे में चेतावनी जारी कर दी थी.बुलगारिया में जन्मी 42 वर्षीय जर्मन नागरिक रुजा इग्नातोवा अक्टूबर 2017 से फ़रार हैं. पुलिस ने उनके ख़िलाफ़ जांच तेज़ कर दी थी और उन्हें इसकी भनक लग गई थी. इग्नातोवा ने साल 2014 में वनकॉइन बनाया था और एफ़बीआई के अनुसार यह क़रीब चार अरब अमेरिकी डॉलर का स्कैम है.बीबीसी के आकलन के अनुसार अकेले ब्रिटेन में निवेशकों को क़रीब 10 करोड़ पाउंड यानी क़रीब एक हज़ार करोड़ का घाटा हुआ था. पूर्वी लंदन में रहने वाली लैला बेगम का कहना है कि उनके परिवार ने उन्होंने एक मित्र के कहने पर वनकॉइन में निवेश किया था और उन्हें 54 हज़ार पाउंड का नुक़सान हुआ था. बीबीसी की जांच के आधार पर कहा जा सकता है कि अब ना तो ब्रितानी पुलिस और ना ही रुजा इग्नातोवा उस आलीशान पेंटहाउस को बेचने की कोशिश कर रही है, बल्कि जर्मन शहर बेलफ़ेल्ड के अभियोजनकर्ता इसके पीछे हैं. जर्मन अभियोजनकर्ता की स्वीकृति के बाद इसी महीने रुजा इग्नातोवा के पेंटहाउस को बाज़ार में बेचने के लिए सार्वजनिक कर दिया गया. रुजा इग्नातोवा ही इस पेंटहाउस की मालकिन हैं, इस ख़बर को सार्वजनिक किए जाने से पहले इस पेंटहाउस का मालिकाना हक़ एक्वीटेन ग्रुप लिमिटेड नामक एक कंपनी के पास था. बीबीसी ने कई बार इस कंपनी से सवाल पूछा कि क्या आप लोग रुजा इग्नातोवा के लिए काम करते हैं लेकिन कंपनी ने कभी कोई जवाब नहीं दिया. बीबीसी के सवाल का जवाब नहीं मिला लंदन के केनसिंग्टन स्थित पेंटहाउस जब बाज़ार में बिकने के लिए आया तो इसकी क़ीमत क़रीब 125 करोड़ लगाई गई जो कि 2016 में इसकी क़ीमत से क़रीब 10 करोड़ रुपए कम है. पेंटहाउस के रियल इस्टेट एजेंट नाइट फ़्रैंक ने बीबीसी के सवालों का जवाब नहीं दिया कि क्या यह पेंटहाउस बिक चुका है, लेकिन उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि उन्होंने इस मामले में सभी क़ानूनी ज़रूरतों का पालन किया है.ब्रिटेन के नए क़ानून के अनुसार जब तक किसी प्रोपर्टी के असली मालिक को सार्वजनिक नहीं किया जाता तब तक उसे बेचा नहीं जा सकता है. रुजा इग्नातोवा अगर 31 जनवरी, 2023 तक यह नहीं सार्वजनिक कर देती हैं कि वो ही इस पेंटहाउस की मालकिन हैं तब इसको नहीं बेचा जा सकता है. नए क़ानून के तहत मालिक को अपना पता भी बताना होगा. लंदन के वरिष्ठ वकील गेराल्ड रयूबसैम को उम्मीद है कि पेंटहाउस के बिकने से एक ना एक दिन वनकॉइन स्कैम के शिकार हुए लोगों को कुछ मुआवज़ा दिया जा सकेगा. वो कहते हैं, "हमलोगों की पहली कोशिश यह है कि पेंटहाउस के बिकने से मिलने वाली रक़म को उन लोगों तक पहुंचने से रोका जाए जो कि इस स्कैम में शामिल हैं. अपराध करके कमाए गए धन को उनसे छीनना हमारा पहला उद्देश्य है." उन्होंने आगे कहा, "हालांकि अभी यह साफ़ नहीं है कि पेंटहाउस के बिकने से हासिल होने वाली रक़म वनकॉइन के निवेशकों के पास जाएगी. हमें थोड़ा इंतज़ार करना होगा और देखना होगा कि चीज़ें किस तरह से आगे बढ़ रहीं हैं." लैला बेगम इस बात से तो ख़ुश हैं कि जर्मनी के अधिकारियों ने पेंटहाउस को बेचने की अनुमति दे दी है लेकिन वो लंदन पुलिस के जांच करने के तौर-तरीक़ों की कड़ी आलोचक हैं. उनका कहना है, "मुझे विश्वास है कि ब्रितानी अधिकारियों को सभी ब्रितानियों की मदद करनी चाहिए जिनके पास इस बात के पुख़्ता सबूत हैं कि उन्होंने वनकॉइन में निवेश किया था." साल 2019 में लंदन पुलिस ने वनकॉइन के ख़िलाफ़ अपनी जांच को यह कहते हुए समाप्त कर दिया था कि उनके पास वनकॉइन की किसी प्रोपर्टी के ब्रिटेन में होने के कोई सबूत नहीं हैं. लंदन पुलिस अधिकारी पॉल कर्टिस ने बीबीसी को बताया, "लंदन पुलिस ने विदेशी जांच अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग किया है और वो आगे भी करते रहेगी." दिसंबर 2022 में वनकॉइन के सहसंस्थापक सेबास्टियन ग्रीनवुड ने न्यूयॉर्क में धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का जुर्म क़ूबल कर लिया था. लेकिन रुजा इग्नातोवा की खोज अभी भी जारी है और एफ़बीआई ने उनके बारे में कोई भी ख़बर देने वाले को एक लाख डॉलर यानी क़रीब 82 लाख रुपए ईनाम देने की घोषणा की है.