दिव्यांगजनों के लिए एक सक्षम और बाधारहित वातावरण सुनिश्चित करने की जरूरत हैः प्रो. राजबीर सिंह

Girish Saini Reports

दिव्यांगजनों के लिए एक सक्षम और बाधारहित वातावरण सुनिश्चित करने की जरूरत हैः प्रो. राजबीर सिंह

रोहतक। दिव्यांगजनों के जीवन को बेहतर बनाने की कवायद करनी होगी। समाज को दिव्यांगजनों के अधिकारों बारे जागरूक एवं संवेदनशील बनना होगा। दिव्यांगजनों के अधिकारों एवं कानूनों बारे समाज में जागरूकता की अलख जगाने के उद्देश्य से बुधवार को एमडीयू के टैगोर सभागार में विकलांगता एवं मानवाधिकार सप्ताह के अंतर्गत विधि विभाग द्वारा आरपीडब्लूडी एक्ट पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता तथा डेक्मेलेशन कांटेस्ट का आयोजन किया गया। कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने इस कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा कि आज दिव्यांगजनों के लिए एक सक्षम और बाधारहित वातावरण सुनिश्चित करने की जरूरत है। उन्होंने दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने वाले कानूनों के सही क्रियान्वयन पर बल देने की बात की और कहा कि समाज को भी दिव्यांगजनों के अधिकारों बारे जागरूक तथा संवेदनशील होना होगा। कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने इस कार्यक्रम के आयोजन में सहयोग के लिए हरियाणा वेलफेयर सोसायटी फॉर पर्सन्स विद स्पीच एंड हीयरिंग इंपेयरमेंट, पंचकूला की चेयरपर्सन डॉ. शरणजीत कौर और उनकी टीम का आभार जताया। स्टेट कमिशनर फॉर डिसएबिलिटीज, हरियाणा राजकुमार मक्कड़ ने बतौर मुख्यातिथि इस कार्यक्रम में शिरकत की। राजकुमार मक्कड़ ने कहा कि समाज में संपूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करने पर बल देने वाले कानूनों की उपस्थिति के बावजूद दिव्यांगजन आज भी समाज की मुख्यधारा जुड़ नहीं पाए हैं। उन्होंने सरकार द्वारा इस दिशा में उठाए जा रहे कदमों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि समाज को भी दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। विधि विभागाध्यक्ष प्रो. कविता ढुल ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम समाज में दिव्यांग जनों के अधिकारों के प्रति जागरूकता लाने में कारगर होंगे। प्राध्यापक डॉ. जसवंत सैनी ने प्रारंभ में स्वागत भाषण दिया। डॉ. अंजलि ने मंच संचालन किया। इस मौके पर डीन, स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. राजकुमार, सेंटर फॉर डिसेबिलिटी स्टडीज के निदेशक प्रो. राधेश्याम, उप निदेशक डॉ. कपिल मल्होत्रा, हरियाणा वेलफेयर सोसायटी की परियोजना अधिकारी पल्लवी, विधि विभाग के प्राध्यापक, प्रतिभागी टीमों के इंचार्ज एवं विद्यार्थी, विधि विभाग समेत अन्य विभागों के शोधार्थी एवं विद्यार्थी मौजूद रहे। प्रो. कविता ढुल ने बताया कि प्रश्रोत्तरी प्रतियोगिता में 11 टीमों ने भाग लिया। एमडीयू-सीपीएएस, गुरुग्राम की टीम ने प्रथम, वैश्य लॉ कॉलेज की टीम ने दूसरा तथा डीजीआईएम, फरीदाबाद की टीम ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। डॉ. जसवंत सैनी ने इस प्रतियोगिता का समन्वयन किया। प्रो. दिव्या मल्हान व डॉ. गुंजन मलिक ने क्वीज मास्टर की भूमिका का निर्वहन किया। प्रो. विमल जोशी, डॉ. अरूण तथा डॉ. आनंद डांगी निर्णायक मंडल में शामिल रहे। डेक्लेमेशन कांटेस्ट का समन्वयन डॉ. सत्यपाल ने किया। डॉ. सुमन, डॉ. सीमा जाखड़, ले. कर्नल अनिल बल्हारा व डॉ. प्रमोद निर्णायक मंडल में शामिल रहे। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अनुसूया ने तथा मंच संचालन डॉ. श्रुति सुधा आर्य ने किया। इस प्रतियोगिता में हिंदी में सिद्धार्थ ने प्रथम, अनिता पांडे ने दूसरा व उर्वशी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। अंग्रेजी में स्वाति प्रथम, विजय कुमार दूसरे व परीक्षिता तीसरे स्थान पर रही।