हुड्डा सरकार ने नीति बनाकर किया बच्चों की खेल प्रतिभा निखारने का प्रयासः दीपेन्द्र हुड्डा

Girish Saini Reports

हुड्डा सरकार ने नीति बनाकर किया बच्चों की खेल प्रतिभा निखारने का प्रयासः दीपेन्द्र हुड्डा
हुड्डा सरकार ने नीति बनाकर किया बच्चों की खेल प्रतिभा निखारने का प्रयासः दीपेन्द्र हुड्डा

किलोई (रोहतक)। राज्यसभा सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने रविवार को मंढाक धाम, किलोई में ग्राम पंचायत द्वारा आयोजित खेल प्रतियोगिताओं में शिरकत कर खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया। उन्होंने प्रदेश वासियों को नए साल की शुभकामनाएं भी दी। सांसद ने कहा कि पूर्ववर्ती हुड्डा सरकार के 10 साल के कार्यकाल में कुश्ती जैसे परंपरागत खेलों और खिलाड़ियों को सरकार की तरफ से भरपूर प्रोत्साहन मिलता था। इसी का परिणाम है कि विभिन्न अंतरराष्ट्रीय खेलों में हरियाणा के खिलाड़ियों ने देश और प्रदेश का नाम रोशन किया। सासंद दीपेन्द्र हुड्डा ने आगामी 6 जनवरी को पानीपत में होने वाली भारत जोड़ो रैली में शामिल होने का न्योता भी दिया। उन्होंने सभी से भारी संख्या में रैली में शामिल होने का आह्वान किया। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि पहले के जमाने में कहा जाता था कि पढ़ोगे, लिखोगे बनोगे नवाब और खेलोगे कूदोगे होगे खराब। लेकिन, कांग्रेस की हुड्डा सरकार ने अपने कार्यकाल में इस धारणा को बदलने का प्रयास करते हुए कहा कि खेलोगे कूदोगे होगे लाजवाब और पढ़ोगे, लिखोगे होगे कामयाब। हुड्डा सरकार ने स्कूली बच्चों के लिये अनिवार्य स्पैट नीति बनाई थी। जिसके तहत शीर्ष प्रदर्शन करने वाले बच्चों को 1500-2000 रुपये का मानदेय मिलता था। तत्कालीन सरकार ने ग्रामीण स्तर पर खेल स्टेडियमों की व्यवस्था कर उनमें कोच आदि की नियुक्ति की थी। बच्चों में शुरुआती उम्र से ही खेल प्रतिभा को निखारने का प्रयास किया गया। इसी का परिणाम रहा कि 2010 कॉमनवेल्थ खेलों में 39 में से 22 स्वर्ण पदक अकेले हरियाणा के खिलाड़ियों ने जीते। इसके साथ ही एशियाई, कॉमनवेल्थ और ओलंपिक खेलों में 40 से 50 प्रतिशत पदक हरियाणा के खिलाड़ियों ने जीते। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में चल रही भारत जोड़ो यात्रा 5 जनवरी को दोबारा हरियाणा आएगी। पानीपत में रैली के बाद करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला होते हुए आगे जाएगी। उन्होंने कहा कि इस यात्रा को देश भर में भारी जनसमर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने साढ़े 8 साल में हरियाणा का भट्ठा बैठा दिया। 2014 से पहले जो हरियाणा प्रति व्यक्ति आय प्रति व्यक्ति निवेश, रोजगार देने में, किसान, खेल-खिलाड़ियों के मान-सम्मान में नंबर 1 था आज वो हरियाणा बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार, बढ़ते अपराध, नशाखोरी व किसान का अपमान करने में नंबर एक पर है।