Summer Travel Ideas: भारत में हैं अंग्रेजों के हिल स्टेशन, गर्मी से बचने के लिए जा सकते हैं आप भी
भारत में अधिकतर लोग छुट्टी मनाने के लिए हिल स्टेशन की ओर रुख करते हैं।

गर्मियों में ही नहीं, बल्कि सर्दियों में भी लोग परिवार, बच्चों, दोस्तों या पार्टनर आदि के साथ हिल स्टेशन पर जाना पसंद करते हैं। देश में कई मशहूर हिल स्टेशन हैं, जहां साल भर पर्यटकों की भीड़ रहती हैं। इन दिनों गर्मियों की छुट्टी मनाने के लिए लोग हिल स्टेशन पर अधिक जा रहे हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि हिल स्टेशन पर छुट्टियां मनाने, गर्मियों के मौसम में पहाड़ी इलाकों की ओर जाने का चलन कब से शुरू हुआ? देश की आजादी से पहले जब अंग्रेज भारत में रहा करते थे, तो वे यहां की गर्मी में रहने में असुविधा महसूस करते थे। अंग्रेज, जिन्हें उस जमाने में गोरे कहा जाता था, वह भारत के मैदानी इलाकों में अधिक तापमान और गर्मी को सह नहीं पाते। ऐसे में ब्रिटिश सरकार और अधिकारियों की पहल से भारत में ऐसी जगहें खोजी गईं, जहां गर्मी के मौसम में अंग्रेज जाकर रह सकें। उस दौर में अंग्रेजों ने कई पहाड़ियों पर हिल स्टेशन बनाए। आज भी अंग्रेजों के बनाए ये हिल स्टेशन अस्तित्व में हैं। इतने सालों में काफी बदलाव के बाद भी इन हिल स्टेशनों पर अंग्रेजों का स्ट्रक्चर और कुछ छाप देखने को मिल जाती है। सबसे प्रसिद्ध हिल स्टेशन में शिमला है, जहां हर साल लाखों पर्यटक घूमने जाते हैं। सर्दियों में स्नो फॉलिंग देखने तो गर्मियों में मैदानी इलाकों में होने वाले अधिक तापमान से राहत पाने के लिए लोग शिमला का सफर करते हैं। लेकिन शिमला को घूमने लायक जगह बनाने का श्रेय अंग्रेजों को जाता है। 1815 में शिमला पर अंग्रेजों ने अधिकार कर लिया और यहां चर्च, बंगले व स्कूल आदि बनवाएं। यहां ब्रिटिश सरकार ने कालका शिमला रेलवे लाइन का निर्माण कराया। एक गांव को खूबसूरत टूरिस्ट प्लेस बना दिया। उत्तराखंड के मशहूर हिल स्टेशनों में देहरादून के पास स्थित मसूरी का नाम शामिल है। भारत में कई पहाड़ी क्षेत्र हैं लेकिन अंग्रेजों ने चैन की छुट्टियां मनाने के लिए अपना पहला रिजॉर्ट मसूरी में ही बनाया था। ऐसे में इसे अंग्रेजों द्वारा स्थापित पहला हिल स्टेशन माना जा सकता है। बाद में मसूरी में कई शिविरों का निर्माण कराया गया। यहां कैंप्टिफाॅल नाम का खूबसूरत झरना है, जिसे देखने के लिए लोग दूर दूर से आते हैं। ब्रिटिश शासनकाल में उधगमंडलम नाम की जगह होती थी, जिसका नाम अंग्रेजों ने बदल कर बाद में ऊटाकामुंड कर दिया। हालांकि लोगों ने इस नाम को छोटा करके ऊटी रख दिया। ऊटी में अंग्रेजों ने कई रिजॉर्ट बनवाएं। यहां नीलगिरी माउंटेन रेलवे स्टेशन स्थापित किया गया। गर्मियों में अंग्रेज ऊटी में रहने के लिए आया करते थे। गर्मियों में दार्जिलिंग का मौसम सुहाना और तापमान मैदानी इलाकों से कम होता है। दार्जिलिंग में आप गर्मी की छुट्टियां मनाने जा सकते हैं। लेकिन आपसे पहले 19वीं शताब्दी में ब्रिटिश शासन ने इसे गर्मी से राहत पाने वाली जगह बनाई थी। जहां अंग्रेज भीड़ भाड़ से दूर आराम से रहने के लिए जाते थे।