ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों के संरक्षण पर कार्यशाला संपन्न
संवाददाता अनंत भूषण त्रिपाठी
जयपुर । ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों के संरक्षण अधिनियम 2019 की जानकारी देने के संबंध में शनिवार को एनजीओ "नई भोर" और पुलिस विभाग के संयुक्त तत्त्वावधान में होटल आंगन में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस सिविल राइट स्मिता श्रीवास्तव ने बताया कि कार्यशाला में एनजीओ नई भोर की संस्थापक पुष्पा माई, पुलिस मुख्यालय में संचालित ट्रांसजेंडर सेल के प्रभारी पुलिस निरीक्षक संजीव चौहान और काउंसलर नॉवेल्टी कुमावत ने भाग लिया। कार्यशाला में ट्रांसजेंडर समुदाय के करीब 50 लोग सम्मिलित थे।
श्रीमती श्रीवास्तव ने बताया कि कार्यशाला में केन्द्र सरकार द्वारा बनाए गए अधिनियम की विस्तार से जानकारी दी गई। पुलिस मुख्यालय में संचालित ट्रांसजेंडर सेल के प्रभारी पुलिस निरीक्षक संजीव चौहान ने ट्रांसजेंडर समुदाय के साथ होने वाले अपराधों के संबंध में कानूनी पहलुओं के बारे में जानकारी देते हुए दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध की जा रही कार्रवाई के बारे में विस्तार से समझाया। उन्होंने ट्रांसजेंडर समुदाय को अपराध घटित होने पर भयमुक्त होकर संबंधित पुलिस स्टेशन में जाकर अपनी शिकायत दर्ज करने के लिए प्रोत्साहित किया।
एडीजी श्रीवास्तव ने बताया कि ट्रांसजेंडर समुदाय द्वारा दर्ज कराए गए प्रकरण में त्वरित अनुसंधान कराने और न्याय दिलाने हेतु राजस्थान पुलिस संवेदनशील होकर कार्य कर रही है। इस संबंध में पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को संवेदनशील बनाने के लिए समय-समय पर कार्यशालाओं का भी आयोजन किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि महानिदेशक पुलिस राजस्थान द्वारा प्रत्येक जिला पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस उपायुक्त को ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की शिकायतों पर त्वरित सुनवाई के लिए निर्देशित किया जा चुका है और प्रत्येक जिले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को नोडल ऑफिसर भी बनाया गया है। साथ ही प्रत्येक थाने में उनके अधिकारों व उनके साथ घटित होने वाले अपराधों के बारे में जानकारी के लिए बोर्ड भी लगाए जा रहे हैं। यदि पीड़ित को काउंसलिंग की आवश्यकता है तो वह अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार पुलिस मुख्यालय में नियुक्त काउंसलर से सहायता भी प्राप्त कर सकते हैं।