शिमला से ठंडी दिल्ली, डॉक्टरों ने किया आगाह, 'संभालकर रखें दिल'
ajay kumar report

मौसम विज्ञान केंद्र पटना के मुताबिक, शनिवार को गया का न्यूनतम तापमान 4 .6 डिग्री सेल्सियस जबकि पटना का 7.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया.भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, राजधानी दिल्ली में शनिवार को न्यूनतम तापमान 3.4 डिग्री सेल्सियस जबकि शिमला का न्यूनतम तापमान 6.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया.मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक आरके जैनामनी ने बीबीसी को बताया, "साल 2022 के मुक़ाबले इस साल न्यूनतम तापमान 2 से 3 डिग्री सेल्सियस कम है." उन्होंने बताया, "बिहार और उत्तर प्रदेश के कई इलाक़ों में ज़्यादा ठंड इसलिए महसूस हो रही है. वजह ये है कि वहां घना कोहरा छाया हुआ है जिससे सूरज की रोशनी नहीं पहुंच पा रही है और दिन का अधिकतम तापमान भी नहीं बढ़ पा रहा है." आरके जैनामनी के मुताबिक़, जनवरी के पहले सप्ताह में बिहार, उत्तर प्रदेश और आसपास के इलाक़ों में अधिकतम तापमान औसत से क़रीब सात डिग्री सेल्सियस कम दर्ज किया गया है. कोहरे की वजह से पटना में 24 घंटे में न्यूनतम तापमान सामान्य से 4.2 डिग्री सेल्सियस गिर गया. यहां एक अपार्टमेंट के बाहर कई लोग एकसाथ बैठकर आग तापते हुए दिखे. इनमें अपार्टमेंट में रहने वाले लोग भी हैं और सिक्योरिटी गार्ड भी. ठंड के मौसम में सब सिकुड़कर एक जगह इकट्ठा हो गए हैं. सिक्योरिटी गार्ड का काम करने वाले विनोद सिंह बताते हैं, "इस साल ज़्यादा ठंड लग रही है. हमलोग दिनभर आग जलाकर बैठते हैं. इसी के सहारे सर्दी कट रही है."सेहत पर असर डॉक्टर इस मौसम में दिल की बीमारी और ब्लड प्रेशर के मरीजों को ख़ास सावधानी रखने की सलाह दे रहे हैं. ख़बरों के मुताबिक़ बीते कुछ दिनों में उत्तर प्रदेश के कानपुर में ठंड की वजह से दिल का दौरा पड़ने से कई लोगों की मौत हुई है. राहुल गांधी को ठंड क्यों नहीं लगती? सोशल मीडिया पर ख़ूब चर्चाडॉक्टरों ने बताए बचाव के तरीके राजधानी दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉक्टर संजय राय के मुताबिक, "ठंड से बचने के लिए एक मोटा कपड़ा पहनने से ज़्यादा अच्छा है कि आप कई कपड़े पहनें. इससे शरीर को ज़्यादा गर्मी मिलती है." वो कहते हैं, "दरअसल दो कपड़ों के बीच मौजूद हवा अच्छे इन्सुलेटर का काम करती है. यानी ये बाहर की ठंड को शरीर तक पहुंचने से रोकने में मोटे कपड़े से ज़्यादा कारगर उपाय है." संजय राय कहते हैं, "ठंड से बचने के लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी है डायरेक्ट एक्पोज़र से बचना. इसलिए ज़्यादा ठंड के मौसम में सुबह की सैर बंद कर देनी चाहिए. इस दौरान प्रदूषण भी ज़्यादा होता है, जो ख़तरे को और भी बढ़ा देता है." संजय राय के मुताबिक़, "सर्दी के मौसम में इंसानों के शरीर में मौजूद धमनी और शिरा (वेन और आर्टरीज़) सिकुड़ जाते हैं. इससे 60 साल के उपर के लोगों को ज़्यादा ख़तरा होता है. उन्हें निमोनिया होने का ख़तरा होता है. इसके अलावा सांस की बीमारी वाले लोगों को भी सावधान रहना चाहिए." दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर मोहसिन वली कहते हैं "बुज़ुर्गों को तो ज़्यादा कपड़े पहनकर सोना भी चाहिए और मॉर्निंग वॉक से बचना चाहिए. इसके अलावा महिलाएं आजकल ज़ीरो नेक वाले कपड़े पहनती हैं, यह ठंड से बचने का अच्छा उपाय है." डॉक्टरों के मुताबिक़, जाड़े में ब्लड प्रेशर के कई मरीज़ों को दवा की डोज़ भी बढ़ाने की ज़रूरत पड़ती है. उनको नियमित तौर पर ब्लड प्रेशर की जांच भी करानी चाहिए. ऐसे मौसम में पांच साल से कम उम्र के बच्चों का भी ज़्यादा ध्यान रखना ज़रूरी है, ख़ासकर एक साल से कम उम्र के बच्चों का. क्योंकि उनके शरीर का थर्मल रेगुलेटर बहुत विकसित नहीं होता है. यानी उनका शरीर बाहरी तापमान से मुक़ाबला करने में कमज़ोर होता है. दिल्ली की सर्दी: 1901 के बाद दूसरा सबसे सर्द दिसंबर मौसम विभाग के मुताबिक़, जनवरी महीने के दूसरे सप्ताह में ठंड से थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है. ख़ासकर अधिकतम तापमान में थोड़ी बढ़ोत्तरी से लोगों को दिन में थोड़ी राहत मिल सकती है. मौसम वैज्ञानिक आर के जैनामनी के मुताबिक़, "हम अगले हफ़्ते दो वेस्टर्न डिस्टर्बेंस देख रहे हैं. इससे उत्तर भारत के कई इलाकों में तेज़ हवाएं चलेंगीं. जम्मू -कश्मीर और हिमाचल के कई इलाक़ों में बारिश की भी संभावना है. ऐसे में सात जनवरी से 11 जनवरी के बीच भारी कोहरे से राहत मिल सकती है."