राज्यपाल ने महात्मा ज्योतिबाफुले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली के नैक हेतु प्रस्तुतिकरण की तैयारी की समीक्षा की
Anant tripathi

लखनऊ: 12 दिसम्बर, 2022 उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय की कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज राजभवन के प्रज्ञाकक्ष में महात्मा ज्योतिबाफुले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली के नैक ग्रेडिंग हेतु तैयार प्रस्तुतिकरण के तीसरे चरण की समीक्षा की। ज्ञातव्य है कि विश्वविद्यालय इससे पूर्व वर्ष 2016 में नैक में ‘बी’ ग्रेड प्राप्त कर चुका है। राज्यपाल जी ने नैक मूल्यांकन की तैयारियों हेतु गठित कमेटी के समन्वयकों से सभी सातों क्राइटेरिया पर बिंदुवार जानकारी ली तथा प्रस्तुतीकरण को और बेहतर बनाये जाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने विश्वविद्यालय के वित्त नियंत्रक को बैंक खातों को कम कने के स्पष्ट निर्देश देते हुए क्राईटेरिया संख्या 6 व 7 को सुधार कर एस0एस0आर0 रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा। उन्होने कहा कि विश्वविद्यालय के अन्तर्गत विविध प्रकार की हो रही एक्टीविटीज की सूची बनाने के साथ ही दीनानाथ मिश्र जिनके नाम से इण्टर कालेज स्थापित है, वहां हो रही एक्टिविटीज का भी उल्लेख फोटो सहित रिपोर्ट में अवश्य समाविष्ट होना चाहिए। जो बच्चे पास हुए हैं, वे किसी संस्था आदि में एबजार्व हुए, उसका उल्लेख भी रिपोर्ट में आना चाहिए जो एक माडल के रूप में दूसरे बच्चों के लिए प्रेरणादायी बनेगा। श्री राज्यपाल ने कहा कि मा0 प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा तथा उनके मार्गदर्शन में आगामी जी-20 की 4 बैठकें फरवरी 2023 से अगस्त 2023 के मध्य प्रदेश के विभिन्न शहरों में आहूत की जायेंगी । इस महाईवेंट में हमारे विश्वविद्यालयों को बढ़चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए। हमारे विश्वविद्यालय द्वारा कुछ ऐसे छात्र प्रतिनिधियों को नामित किया जाना चाहिए, जो मुख्य रूप से जी-20 में हिस्सा लेने वाले प्रतिनिधियों को पर्यावरण को बेहतर बनाये जाने के संबंध में सरकार द्वारा उठाये गये प्रभावी कदम के बारे में उन्हें विस्तृत जानकारी दे सकेंा। इसके साथ ही श्री राज्यपाल ने कहा कि जो भी महत्वपूर्ण जानकारियां जी-20 के सदस्यों के साथ साझा की जा सकती हैं, विश्वविद्यालय उनकी एक अग्रिम सूची बनाकर उस पार युद्धस्तर पर कार्य प्रारंभ कर दे। श्री राज्यपाल ने कहा कि जी-20 में अलग -अलग देशों के प्रतिनिधि पधारेंगे, जिनसे परस्पर वार्ता हेतु विभिन्न महत्वपूर्ण विदेशी भाषाओं का ज्ञान रखने वाले छात्रों को तैयार करें ताकि वे देश-प्रदेश के महत्वपूर्ण पहलुओं के सम्बन्ध में प्रतिनिधियों को समुचित जानकारी प्रदान कर सकें। उन्होने कहा कि इस हेतु विश्वविद्यालय द्वारा उनके यहां हो रही समस्त गतिविधियों को पैम्फलेट के रूप में तैयार करना चाहिए ताकि जी-20 के प्रतिनिधियों को प्रस्तुत की जा सके। उन्होंने दीक्षान्त समारोह के फोटोग्राफ्स, जिनमें छात्रों को मेडल तथा इनाम मिला हो, उन्हें भी प्रदर्शित करने साथ ही लाईब्रेरी की टाईमिंग को 8 बजे से बढ़ाकर 10 बजे तक करने को कहा। राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने अपने संबोधन में कहा कि जब तक विश्वविद्यालय अपनी प्रगति के संबंध में तुलनात्मक रिपोर्ट अपडेट नहीं करता है, तब तक लाईब्रेरी, कम्प्यूटर, खेलकूद आदि के क्षेत्र में हुए सुधार के स्तर की जानकारी नहीं प्राप्त नहीं हो सकती है। उन्होने कहा कि रिपोर्ट में अध्यापकों को प्रशिक्षण आदि की व्यवस्था की और पूर्व छात्र का सहयोग आदि विश्वविद्यालय के कार्य में मिला हो तो उसका भी उल्लेख होना चाहिए। श्री राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय ने अपने यहां म्यूजियम बनाकर एक अभूतपूर्व एवं उल्लेखनीय कार्य किया है। परन्तु म्यूजियम बनाने की प्रेरणा विश्वविद्यालय को कहां से मिली और यह विचार कैसे आया और इसके अतिरिक्त कितने लोग प्रतिदिन विश्वविद्यालय में बने म्यूजियम का भ्रमण करते हैं, उनके फोटो ग्राफ्स विवरण सहित तथा हाल ही में 15 देशों के राजदूतों के भ्रमण के पश्चात, उस दिशा में विश्वविद्यालयों की प्रगति क्या है। इन सब बातों को रिपोर्ट में अवश्य रूप से समाविष्ट करने के निर्देश दिए। श्री राज्यपाल ने कहा कि रिपोर्ट में प्रत्येक विश्वविद्यालय द्वारा राजभवन को आपूर्ति की गई पुस्तकें तदुपरांत राजकीय विद्यालयों को लाईब्रेरी बनाने के उद्देश्य से भेंट किए जाने का ब्यौरा रिपोर्ट में अवश्य रूप से उल्लिखित किया जाना चाहिए। श्री राज्यपाल ने छात्राओं की सुरक्षा पर बल देते हुए कहा कि विश्वविद्यालयों में ‘हैपीनेस सेंटर’ की स्थापना होनी चाहिए, जिसमें जाकर छात्र-छात्राएं प्रसन्न हो सकें। इन केन्द्रों में कोई न कोई अध्यापक छात्र-छात्राओं की व्यक्तिगत समस्याओं उनकी परेशानियों को सुनने के लिए उपस्थित रहे और उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुनकर उसका हल भी ढूढे ताकि हमारे छात्र छात्राएं शेरिंग के अभाव में तनावग्रस्त होकर कोई गलत कदम न उठा सकें। हमारे पाठ्यक्रमों में किस तरह का जीवन जीना है, यह भी आना चाहिए। उन्होने कहा कि वि़द्यालय में होने वाले बेस्ट प्रैक्टिसस जैसे- आंगनवाड़ी केन्द्रों के बच्चों को क्या लाभ मिला तथा गोद लिए गये टी0बी0 मरीजों के सापेक्ष कितने ठीक हो रहे हैं, इसका उल्लेख एस0एस0आर में अवश्य होना चाहिए। उन्हांेने विश्वविद्यालय में छात्रा क्लब बनायें और नुक्कड़ नाटक तथा लोगों के पास जाकर प्रचार के माध्यम से समाज में व्याप्त कुरीतियों के बारे में जन-जागरण फैलाने की अपील की। श्री राज्यपाल ने सभी विश्वविद्यालयों से उत्तर पुस्तिका तैयार कर राजभवन को परीक्षण हेतु भेजे जाने के निर्देश देते हुए कहा कि प्रत्येक वर्ष उत्तर पुस्तिका का रंग भी परिवर्तित कर दिया जाय ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी होने की संभावना न रहे। राज्यपाल जी ने कुलपति प्रो0 के0पी0 सिंह को विश्वविद्यालय की सभी कमियों को अविलम्ब दूर करने तथा रिर्पोट में विश्वविद्यालय के विविध कार्य-कलापों को प्रमुखता से दर्शाने और एस0एस0आर0 को समयबद्ध रूप से जमा करने हेतु निर्देशित किया। विश्वविद्यालय को समय से छात्रों की समस्याओं का निराकरण करने का उल्लेख रिपोर्ट में अवश्य करे। उन्होंने संलग्न फोटो और वीडियों में विविधता बढ़ाने के साथ-साथ प्रतिभागियों से युक्त गतिविधि वाले फोटो, वीडियो संलग्न कर उनके नीचे कैप्शन लगाने पर विशेष जोर दिया। बैठक में रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 के0पी0 सिंह के नेतृत्व में प्रस्तुतिकरण दिया गया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव राज्यपाल, श्रीमती कल्पना अवस्थी, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा श्री पंकज जॉनी, रूसा की सलाहकार एवं सदस्य उपक्रम डा0 अंकिता राज तथा विश्वविद्यालय द्वारा नैक तैयारी हेतु गठित टीम के सभी सदस्य तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।