कुलपति ने सामाजिक परिवर्तन के लिए नवाचार का उपयोग एक परिवर्तनकारी टूल्स के तौर पर करने की बात कही।
Girish Saini Reports
रोहतक। नवाचार एवं प्रौद्योगिकी अपनाने से राष्ट्र-समाज के विकास को गति मिलेगी। सामाजिक परिवर्तन और जनता के बेहतर जीवन स्तर के लिए नवाचार का उपयोग एक परिवर्तनकारी टूल्स के तौर पर करें युवा। यह बात एमडीयू कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज एंड रिसर्च (इमसॉर) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में कही। कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने स्वराज सदन में- कंटेंपरेरी इश्यूज इन इनोवेशन, एंटरप्रेन्योरशिप एंड बिजनेस मैनेजमेंट विषय पर आयोजित इस राष्ट्रीय सेमिनार का बतौर मुख्यातिथि शुभारंभ किया। अपने संबोधन में कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने देश एवं समाज के विकास में नवाचार एवं प्रौद्योगिकी की महत्ता पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने नवाचार संस्कृति को डेवलप करने के लिए इको सिस्टम बनाने की बात कही। कुलपति ने इमसॉर में नवाचार तथा प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित करने की बात पर बल दिया। आईआईटी, दिल्ली के सेवानिवृत प्रोफेसर एवं प्रतिष्ठित शिक्षाविद् डॉ. सुशील कुमार ने बतौर की-नोट स्पीकर इस राष्ट्रीय सेमिनार में शिरकत की। प्रो. सुशील कुमार ने नवाचार को बढ़ावा देने तथा ग्राहक अनुकूल सेवा प्रदान करने के लिए शिक्षण संस्थानों एवं संगठनों में उद्यमशील संस्कृति विकसित करने की बात कही। उन्होंने नवाचार, उद्यमिता तथा व्यापार प्रबंधन से जुड़े महत्त्वपूर्ण पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। डीन, एकेडमिक अफेयर्स प्रो. सुरेन्द्र कुमार ने बतौर विशिष्ट अतिथि कार्यक्रम में शिरकत करते हुए विद्यार्थियों में नवाचार संस्कृति डेवलप करने की बात कही। इमसॉर निदेशक प्रो. सत्यवान बरोदा ने सेमिनार के प्रारंभ में स्वागत भाषण दिया तथा इमसॉर की शैक्षणिक एवं शोध गतिविधियों पर जानकारी दी। कंवीनर प्रो. प्रदीप के. अहलावत ने सेमिनार की विषय वस्तु पर प्रकाश डाला। प्राध्यापक डॉ. प्रियंका यादव तथा डॉ. रीतू रानी ने उद्घाटन सत्र में मंच संचालन किया। आयोजन सचिव डॉ. संजय नांदल ने आभार जताया। आयोजन सचिव डॉ. नरेश कुमार ने कार्यक्रम समन्वयन सहयोग दिया। इस मौके पर डीन प्रो. ऋषि चौधरी, इमसॉर के शिक्षक, एमडीयू के अन्य विभागों के शिक्षक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।