जीयू में आयोजित संयुक्त अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में जुटे देश-विदेश के विद्वान।
Girish Saini Reports

गुरुग्राम। गुरुग्राम विश्वविद्यालय के प्रबंधन विभाग और कॉलेज ऑफ बिजनेस, वैलपराइसो विश्वविद्यालय, इंडियाना, यूएसए के संयुक्त तत्वावधान में वैश्विक चुनौतियां: सहयोग, नैतिकता और लचीलापन विषय पर दो दिवसीय संयुक्त अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन मंगलवार को जीयू सभागार में शुरू हुआ। उद्घाटन समारोह में राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। विशिष्ट अतिथि के रूप में उनो मिंडा ग्रुप के अध्यक्ष व एमडी निर्मल कुमार मिंडा तथा मुख्य वक्ता के रूप में डीन-कॉलेज ऑफ बिजनेस, वैलपराइसो यूनिवर्सिटी, इंडियाना, यूएसए के प्रोफेसर डॉ. निकलास एरहार्ट मौजूद रहे। जीयू के कुलपति और कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रो. दिनेश कुमार ने सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। जीयू के प्रबंधन विभाग की डीन और कार्यक्रम संयोजक डॉ. अमरजीत कौर ने इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के लक्ष्यों के बारे में सभी को जानकारी दी। दो सत्रों में आयोजित इस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा कि बिना नैतिकता के व्यापार खतरनाक होता है। नैतिकता के माध्यम से मनुष्य क्या सही है और क्या सही नहीं है इन विचारों पर सही निर्णय ले पाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में पूरी दुनिया एक ग्लोबल विलेज के रूप में तब्दील हो गई है। लेकिन वैश्वीकरण के इस दौर में देशों के बीच युद्ध, असंतोष और कोरोना जैसे संकट ने संपूर्ण विश्व के समक्ष कई चुनौतियां पेश की है। विशिष्ट अतिथि निर्मल कुमार मिंडा ने कहा कि मौजूदा ज्यादातर समस्याओं का समाधान शांति एवं भाईचारा से संभव है। यही वर्तमान विश्व की आवश्यकता भी है। उन्होंने कहा कि हम चर्चा और विचार करके विश्व की बड़ी से बड़ी चुनौतियों का सामना आसानी से कर सकते हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने सम्मेलन में देश-विदेश से आए शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस आयोजन से दोनों संस्थानों के बीच शैक्षणिक, अनुसंधान और संस्थागत सहयोग के लिए एक रूपरेखा स्थापित होगी। इस मौके पर जीयू के कुलसचिव डॉ. राजीव कुमार सिंह, प्राध्यापक एवं अन्य प्रबुद्धजन मौजूद रहे।