माइक्रोबायोलॉजी फॉर मैनकाइंड के मंत्र को वैश्विक मिशन बनाने के आह्वान के साथ एएमआई का 63वां अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न।
girish saini report

रोहतक। माइक्रोबायोलॉजी फॉर मैनकाइंड के मंत्र को वैश्विक मिशन बनाने के आह्वान के साथ एमडीयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा माइक्रोबियल टेक्नोलॉजी फॉर सस्टेनेबल बायोस्फियर विषयक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न हुआ। इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि एमडीयू के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि ज्ञान एवं अनुसंधान का उपयोग लोगों के जीवन में गुणात्मक बदलाव लाने में किया जाना चाहिए। विज्ञान के जरिए जनकल्याण का रास्ता प्रशस्त करने का आग्रह कुलपति ने किया। एसोसिएशन ऑफ माइक्रोबायोलोजिस्ट्स ऑफ इंडिया (एएमआई) के इस 63वें वार्षिक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन -माइक्रोबायोटैक- 2023 में माइक्रोबियल थेरेप्यूटिक्स, फूड एंड इंडस्ट्रियल माइक्रोबायोलॉजी, माइक्रोबियल नैनो टेक्नोलॉजी, माइक्रोबियल टेक्नोलॉजी एंड इकोलॉजी, वैक्सीन डेवलपमेंट समेत अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर गहन मंथन हुआ। लगभग 100 डेलीगेट्स इस सम्मेलन में शामिल हुए। लगभग 500 वैज्ञानिक पोस्टर सम्मेलन के विभिन्न थीमों पर प्रदर्शित किए गए। 70 विशेष व्याख्यानों का आयोजन इस सम्मेलन में किया गया। इस तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में शांति स्वरूप भटनागर अवार्डी, प्रतिष्ठित वैज्ञानिक डॉ. धीरज कुमार (आईसीजीईबी, नई दिल्ली), प्रो. जावेद एन अग्रेवाला (आई.आई.टी., रोपड़), प्रो. सुमन कुमार धर (जेएनयू नई दिल्ली) ने विशेष व्याख्यान दिए। एमडीयू माइक्रोबायोलोजी विभागाध्यक्ष तथा इस सम्मेलन के आयोजन सचिव डॉ. कृष्णकांत शर्मा ने बताया कि इस सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक भी शामिल हुए। सम्मेलन के समापन सत्र में एएमआई अध्यक्ष प्रो. प्रवीण ऋषि, महासचिव प्रो. नमिता सिंह, प्रो. सुनील पब्बी, प्रो. बनवारी लाल, प्रो. अनिल कुमार छिल्लर, प्रो. योगेन्द्र सिंह समेत प्रतिभागी प्रोफेसर, विशेषज्ञ, वैज्ञानिक, एमडीयू विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक, शोधार्थी, निदेशक एफडीसी प्रो. संदीप मालिक, निदेशक जनसंपर्क सुनित मुखर्जी, माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्राध्यापक डॉ. राजीव कुमार कपूर, डॉ. पूजा सुनेजा, डॉ. पूजा गुलाटी, डॉ. संजय कुमार व प्रतिभागी डेलीगेट्स मौजूद रहे। बेस्ट पोस्टर प्रेजेंटेशन विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। सिमरन ने सम्मेलन संबंधित रिपोर्ट प्रस्तुत की। मंच संचालन अनुभूति ने किया। सम्मेलन के अध्यक्ष, हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (महेंद्रगढ़) के पूर्व कुलपति डॉ. आर.सी. कुहाड़ ने बताया कि ये सम्मेलन माइक्रोबायोलोजी में नूतन ज्ञान एवं अनुसंधान तथा नवोन्मेष को परिलक्षित कर नया मील का पत्थर स्थापित कर गया।