साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस ने जारी की एडवाइजरी

Girish Saini Reports

साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस ने जारी की एडवाइजरी

रोहतक। रोहतक पुलिस ने साइबर क्राइम के बढ़ते खतरे के मद्देजनर एडवाइजरी जारी करते हुए नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे अज्ञात व्यक्तियों से प्राप्त क्विक रिस्पोंस (क्यूआर) कोड की स्कैनिंग करते समय विशेष सतर्कता बरतें। कहीं भी कोड स्कैन करने से बचें क्योंकि यह कोड उनके बैंक खातों की जानकारी लेकर ठगी कर सकते हैं। पुलिस अधीक्षक उदय सिंह मीना ने ऐसे साइबर स्कैमर्स से सावधान रहने की सलाह देते हुए बताया कि साइबर अपराधी अब ईमेल, व्हाट्सएप जैसे माध्यम से क्यूआर कोड भेजकर लोगों के बैंक खातों को हैक कर ठगी करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज के युग में स्मार्ट फोन के बढ़ते उपयोग और मोबाइल ऐप व इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से भुगतान के नए तरीकों से साइबर धोखाधड़ी बढी है। ऐसे जालसाजों से बचने के लिए ऑनलाइन भुगतान के हर विवरण पर पूरा ध्यान देना चाहिए। साइबर अपराध के तरीकों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि सबसे पहले, ये स्कैमर्स सेकंड हैंड सामान के लिए खरीददार या विक्रेता बनकर लोगों को भुगतान में आसानी के लिए एक क्यूआर कोड भेजकर स्कैन करने के लिए कहते हैं। जैसे ही रिसीवर कोड स्कैन करते हैं, उनके खाते से पैसे कट जाते हैं। इसके अतिरिक्त, दुकानदारों को भी थोक ऑर्डर की पेशकश के साथ लालच दिया जाता है और बाद में भुगतान प्राप्त करने के लिए क्यूआर कोड भेजकर धोखा दिया जाता है। बाद में आरोपी सामान भी वितरित नहीं करते। उन्होंने यूपीआई या अन्य वॉलेट्स द्वारा ऑनलाइन भुगतान करने के लिए एहतियाती उपाय सुझाते हुए कहा कि क्यूआर कोड धन प्राप्ति की बजाय केवल भुगतान के लिए प्रयोग होता है। नागरिकों को अज्ञात व्यक्तियों द्वारा भेजे गए क्यूआर कोड की स्कैनिंग से बचना चाहिए और संदिग्ध पतों से आई ईमेल, व्हाट्सएप व टेक्स्ट संदेशों का जवाब नहीं देना चाहिए। सतर्कता के साथ हर व्यक्ति साइबर अपराध को रोककर निर्दोष लोगों को इसका शिकार बनने से रोकने में मदद कर सकता है। किसी भी प्रकार की साइबर धोखाधड़ी होने पर तुरन्त राष्ट्रीय साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 या डायल 112 या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करवाएं। साथ ही नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में भी शिकायत दर्ज जरुर करवाएं।