बिटकॉइन अवैध है या नहीं? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब
न्यूज़ डेस्क रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से पूछा है कि वह बताए कि देश में बिटकॉइन अवैध है या नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने गेनबिटकॉइन घोटाले को लेकर सुनवाई के दौरान सरकार से पूछा है।
20,000 करोड़ रुपये के इस घोटाले में 87,000 बिटकॉइन की कथित धोखाधड़ी शामिल है।
हालांकि यहां यह जानना जरूरी है कि अदालत ने सुनवाई के दौरान मौखिक टिप्पणी में ये सवाल उठाया है और कोर्ट ने केंद्र को जवाब देने के लिए कोई औपचारिक आदेश नहीं दिया है।
न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने इस घोटाले के एक आरोपी अजय भारद्वाज की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की है। अजय भारद्वाज ने अपने खिलाफ लगे आरोपों को रद्द करने की मांग की थी।
जस्टिस सूर्यकांत ने सुनवाई के दौरान कहा "आपको (सरकार) को अपना स्टैंड स्पष्ट करना होगा कि बिटकॉइन देश में अवैध है या नहीं।"
कोर्ट के सवाल पर केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा वैधता यहां सवाल नहीं है। यह एक घोटाला है और वे (अजय भारद्वाज) आरोपी हैं। इसमें 87,000 बिटकॉइन शामिल हैं और आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहा है।"
कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए चार सप्ताह बाद का समय दिया है। तब तक कोर्ट ने आरोपी अजय भारद्वाज की गिरफ्तारी से अंतरिम राहत जारी रखी है।
अजय भारद्वाज गेनबिटकॉइन घोटाले के कथित मास्टरमाइंड अमित भारद्वाज के भाई हैं। उन्हें मार्च 2018 में गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के खिलाफ भारद्वाज सुप्रीम कोर्ट तक गए थे जहां से 3 अप्रैल, 2019 को उन्हें जमानत दे दी गई थी।
अमित भारद्वाज और गेनबिटकॉइनन घोटाला
अमित भारद्वाज ने कई कंपनियों की स्थापना की थी। वह सबसे ज्यादा चर्चित गेनबिटकॉइन नाम से एक मल्टी लेवल मार्केटिंग योजना चलाने के लिए बदनाम थे। इस योजना में लोगों को 10 प्रतिशत रिटर्न का वादा किया जाता था। अमित भारद्वाज ने निवेशकों को फंसाने के लिए उच्च रिटर्न के बदले बिटकॉइन देने का लालच दिया।
अमित भारद्वाज वादा पूरा नहीं कर पाए और बाद में देश छोड़कर भाग गए। पुलिस ने अमित भारद्वाज और 7 अन्य लोगों को मार्च 2018 में गिरफ्तार किया था। पिछले महीने ही अमित भारद्वाज की कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई।
अमित भारद्वाज अपने वादे से चूक गए थे और बाद में देश छोड़कर भाग गए थे। पुलिस ने उन्हें और सात अन्य को मार्च 2018 में गिरफ्तार किया था। पिछले महीने कार्डियक अरेस्ट से उनकी मृत्यु हो गई।