शोध सहभागिता व उच्चतर अध्ययन संयुक्त कार्यक्रम के लिए एमडीयू का स्लोवाक एकेडमी ऑफ साइंसेज के साथ करार।
Girish Saini Reports

रोहतक। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय ने इंस्टीट्यूट ऑफ केमिस्ट्री स्लोवाक एकेडमी ऑफ साइंसेज के साथ शोध सहभागिता, फैकल्टी व रिसर्चर एक्सचेंज तथा उच्चतर अध्ययन संयुक्त कार्यक्रम के लिए करार (एमओयू) किया है। इस संबंध में स्लोवाकिया के ब्राटिस्लावा में करार किया गया। एमडीयू के कुलसचिव प्रो. गुलशन लाल तनेजा तथा इंस्टीट्यूट ऑफ केमिस्ट्री स्लोवाक एकेडमी ऑफ साइंसेज (आईसीएसएएस) के निदेशक स्टानी स्लाव कोजमोन ने इस एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस दौरान एमडीयू के शोध निदेशक प्रो. अनिल कुमार छिल्लर भी साथ रहे। कुलसचिव प्रो. गुलशन लाल तनेजा तथा शोध निदेशक प्रो. अनिल कुमार छिल्लर ने अपनी स्लोवाकिया विजिट के दौरान आईसीएसएएस के विभिन्न संस्थानों व विभागों का दौरा किया। उन्होंने भविष्य में उच्चतर शिक्षा क्षेत्र के विभिन्न विषयों पर संयुक्त कार्यक्रम तथा सहभागिता के अवसरों पर विस्तृत चर्चा की। गौरतलब है कि आईसीएसएएस में विशेषज्ञता विषयक विभाग जैसे कि एंजाइमोलॉजी, ग्लाइको बायोलॉजी, ग्लाइको बायोटेक्नोलोजी, ग्लाइको केमिस्ट्री, इम्युनो केमिस्ट्री, ग्लाइको मटेरियल आदि उपलब्ध हैं। कुलसचिव प्रो. गुलशन लाल तनेजा ने कहा कि इस एमओयू के तहत अल्पकालीन तथा दीर्घकालीन शोध सहभागिता का प्रावधान है। इसके तहत दोनों संस्थान अपने यहां आने वाले दूसरे संस्थान के शोधार्थियों तथा शिक्षकों की कैंपस में निशुल्क ठहरने-खाने की व्यवस्था करेंगे। शोध निदेशक प्रो. छिल्लर ने कहा कि इस एमओयू से दोनों संस्थान लाभान्वित होंगे। कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने इस एमओयू पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति (एनईपी 2020) के तहत शैक्षणिक अंतरराष्ट्रीयकरण एक प्रमुख प्रावधान है। एमडीयू तथा आईसीएसएएस का शैक्षणिक एवं शोध करार महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह एमडीयू की शैक्षणिक विकास यात्रा को बेहतर गति प्रदान करेगा। कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि एमडीयू के फ्यूचरिस्टिक रोड मैप के तहत यह एमओयू एक महत्त्वपूर्ण पहल है। इससे एमडीयू के शिक्षक, शोधार्थी व विद्यार्थी लाभान्वित होंगे।