वसुंधरा राजे ने दावेदारी करने के लिए शहरों के दौरे शुरू कर दिए
दावेदारी को मजबूती देने वसुंधरा राजे ने जिलों के दौरे शुरू कर दिए हैं। इससे विरोधी खेमा भी सतर्क हो गया है।

वसुंधरा हर जगह जाकर कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार पर निशाना साध रही है। उन्होंने माउंट आबू में कहा कि कांग्रेस की सरकार आते ही विकास कार्यों पर ब्रेक लग जाते हैं। कार्यकर्ताओं को डॉ. मुखर्जी जी की विचारधारा के बारे में बताया। साथ ही उनके आदर्शों से सीख लेकर राष्ट्रसेवा में जुटने को प्रेरित किया। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि जनता ने पिछले 25 वर्षों में जान लिया है कि अशोक गहलोत की कांग्रेस सरकार आते ही प्रदेश में विकास पर ब्रेक लग जाता है। जिस दिन भाजपा की सरकार चली जाती है, उसी दिन से विकास पर कट ऑफ डेट लग जाती है। अब जब डेढ़ साल बाद भाजपा की सरकार बनेगी तो जनता के रुके हुए काम पूरे होंगे। उन्होंने कार्यकर्ताओं से प्रदेश में स्वच्छता अभियान को गति देने का आह्वान किया। यह सफाई सिर्फ माउंट आबू में ही नहीं बल्कि पूरे राज्य में दिखनी चाहिए क्योंकि लोग स्वच्छता से जुड़ेंगे तभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के स्वच्छ भारत का सपना साकार होगा। वसुंधरा के उदयपुर दौरे के दौरान समर्थकों ने केसरिया में हरा-हरा, राजस्थान में वसुंधरा के नारे लगाए। इस दौरान राजे के साथ कटारिया के धुर विरोधी जनता सेना के प्रमुख रणधीर सिंह भींडर भी मौजूद थे। पूर्व मंत्री युनूस खान, श्रीचंद कृपलानी, पूर्व भाजपा अध्यक्ष अशोक परनामी, मावली विधायक धर्मनारायण जोशी, उदयपुर के मेयर जीएस टांक, डिप्टी मेयर पारस सिंघवी और भाजपा शहर जिलाध्यक्ष रवींद्र श्रीमाली भी मौजूद रहे। इसमें वसुंधरा राजे के समर्थकों के साथ धक्का-मुक्की हुई थी। इससे सियासी पारा भी गरमा गया था। वसुंधरा समर्थक पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत को मीटिंग में शामिल नहीं होने दिया गया। नाराज वसुंधरा समर्थकों ने नारेबाजी की थी। मामला हाथापाई तक पहुंच गया था।