शिक्षा की रोशनी से छंटा चिलम का धुआं

आगरा में रहने वाले दो किशोरों 15 साल के शुभम (काल्पनिक नाम) और 12 साल के मोहित (काल्पनिक नाम) की जिंदगी चिलम के धुएं में बर्बाद हो रही थी।

शिक्षा की रोशनी से छंटा चिलम का धुआं

गलत संगत ने इन्हें नशे का आदी बना दिया था। इसी बीच उन पर शिक्षा की रोशनी पड़ी। बात समझ में आई तो उनकी जिंदगी की राह बदल गई। खुले आसमान के नीचे सोने वाले इन किशोरों को तराशने का काम स्कूल ऑन व्हील्स ने किया। एक साल पूरे होने पर मंगलवार को सुल्तानगंज की पुलिया के पास स्कूल ऑन व्हील्स की कक्षा में दोनों को सम्मानित किया गया। स्कूल ऑन व्हील्स चलती फिरती एक पाठशाला है। एक पहल संस्था की ओर से संचालित यह योजना दो मयूरी पर चलती है। फुटपाथ और बस्तियों में रहने वाले उन बच्चों को साक्षर करती है, जो स्कूल नहीं जाते हैं। संस्था की संरक्षक पूनम सचदेवा ने बताया कि मयूरी में टॉफी, खिचड़ी, बिस्किट, पेंसिल, कॉपी, बैग आदि रहते हैं।स्कूल ऑन व्हील्स की थीम शुरू करने वाले एक पहल संस्था के उपाध्यक्ष अंकित खंडेलवाल का कहना है कि कई प्रतिभाशाली बच्चे मिले हैं।एक साल में 125 बच्चों को साक्षर किया। एक दर्जन बच्चों का स्कूलों में प्रवेश भी कराया। व्हील्स की संयोजक शुभांगी बंसल ने बताया कि बच्चों को चार बातों से पढ़ाई के लिए लुभाते हैं। पहले कोई अच्छा चुटकुला सुना दो। कोई अच्छा करतब दिखा दो। तुम्हें कौन हीरो अच्छा लगता है। तुम्हें खाने में क्या पसंद है। इसे पूछने व बताने के बाद बीच में पढ़ाई करा देते हैं। बीच-बीच में होने वाली पढ़ाई को बच्चे जल्दी पकड़ लेते हैं।