35वां आईसीएआर कैफट संपन्न, देश भर से प्रतिभागियों ने लिया प्रशिक्षण।
Girish Saini Reports

हिसार। लाला लाजपतराय पशुचिकित्सा एवं पशुविज्ञान विश्वविद्यालय के पशु चिकित्सा सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग में मंगलवार को 35 वें आईसीएआर, सेंटर ऑफ़ एडवांस फैकल्टी ट्रेनिंग (कैफट) का समापन हुआ। इस 21 दिवसीय पाठ्यक्रम के दौरान देश भर से 7 राज्यों के जीव विज्ञान, पशु चिकित्सा क्षेत्र के 8 विषयों से 24 प्रतिभागियों को पशुधन और कुक्कुट में रोगाणुरोधी प्रतिरोध का संयोजन: आधुनिक रोग निरीक्षण, निदान और चिकित्सा विषय पर प्रशिक्षित किया गया। इस समारोह के मुख्य अतिथि लुवास के कुलपति प्रो. (डॉ.) विनोद कुमार वर्मा ने कार्यक्रम के सफलतापूर्वक समापन पर बधाई दी तथा प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किये। डॉ. वर्मा ने बताया कि एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस विश्व भर की मुख्य 10 समस्याओं में से एक है जोकि किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकती है तथा एंटीबायोटिक का अति उपयोग व दुरुपयोग ही रोगाणुरोधी प्रतिरोध का मुख्य कारण है। इस के कारण होने वाले पशुओं और मनुष्यों में इंफेक्शन का विश्व भर में इलाज करना मुश्किल होता जा रहा है और इस समस्या से निपटने के लिए सभी को मिलजुल कर काम करना होगा। उन्होंने बीमारियों की नवीन निदान, वैक्सीन की दिशा में और अधिक अनुसंधान तथा जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने माइक्रोबायोलॉजी और इम्यूनोलॉजी के क्षेत्र में अनुसंधान में निरंतर सुधार के लिए पशु चिकित्सा माइक्रोबायोलॉजी विभाग की सराहना की। इस मौके पर मुख्य अतिथि ने पाठ्यक्रम के आयोजकों द्वारा तैयार ‘प्रशिक्षण पाठ्यक्रम से सम्बंधित ई-सामग्री का विमोचन किया । पशु चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. गुलशन नारंग ने पाठ्यक्रम के प्रारूप तैयार करने के लिए पाठ्यक्रम के निदेशक और समन्वयकों को बधाई दी। विभागाध्यक्ष एवं पाठ्यक्रम के निदेशक डॉ. राजेश छाबड़ा ने बताया कि इस कोर्स के दौरान व्याख्यान के अलावा प्रैक्टिकल ट्रेनिंग पर भी विशेष ध्यान दिया गया और इसके अलावा प्रतिभागियों को अन्य पशु चिकित्सा से सम्बंधित शिक्षण संस्थानों पर भी प्रशिक्षित किया गया। पाठ्यक्रम संयोजक डॉ. स्वाति दहिया ने कोर्स के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस कोर्स में एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस से निजात पाने के नवीन उपायों के बारे में प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया तथा इस दौरान देश के विभिन्न भागों से 22 विशेषज्ञों द्वारा विविध विषयों पर व्याख्यान दिए गए। इस पाठ्यक्रम को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा वित्त पोषित किया गया है। कार्यक्रम के दौरान पशु चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. गुलशन नारंग, अनुसंधान निदेशक डॉ. नरेश जिंदल, छात्र कल्याण निदेशक डॉ. डी.एस. दलाल, स्नातकोत्तर अधिष्ठाता एवं विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. मनोज कुमार रोज, पैरावेटरिनरी साइंसेज संस्थान के निदेशक डॉ. एस.पी. दहिया तथा मानव संसाधन प्रबंधन निदेशक डॉ. सुरेन्द्र सिंह ढाका भी मौजूद रहे। अंत में कोर्स समन्वयक डॉ. अखिल कुमार गुप्ता ने धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया। इस उद्घाटन समारोह में डॉ नरेश कुमार कक्कड़, डॉ. अंशुल लाठर, डॉ. प्रवीन कुमार, डॉ. महावीर सिंह, डॉ संजीवना, डॉ जीनू मनोज और डॉ. अनीता तथा अन्य वैज्ञानिक व विद्यार्थी भी मौजूद रहे। One attachment • Scanned by Gmail