भड़काऊ भाषण: आज़म ख़ान की विधानसभा सदस्यता रद्द, दूसरे मामलों में क्या हुआ?
anant tripathi report

उत्तर प्रदेश के रामपुर की कोर्ट ने गुरुवार को वरिष्ठ समाजवादी पार्टी नेता आज़म खान को भड़काऊ भाषण देने के मामले में तीन साल की सज़ा सुनाई. इसके बाद शुक्रवार को उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई. आज़म ख़ान ने 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान भड़काऊ भाषण दिया था. रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने आज़म खान को आईपीसी की 153ए, 505ए और 125 धाराओं के तहत दोषी पाया है. जानकारों का कहना है कि तीन साल की सज़ा के बाद आज़म ख़ान की विधानसभा सदस्यता जाना तय है. सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के मुताबिक अगर किसी विधायक, विधान परिषद सदस्य या सांसद को किसी आपराधिक मामले में दो साल से अधिक जेल की सजा होती है तो उसकी सदन की सदस्यता तुरंत प्रभाव से रद्द कर दी जाएगी. बीबीसी को अभियोजन पक्ष के वकील और प्रभारी संयुक्त निदेशक शिव प्रकाश पांडेय ने बताया, "आज़म ख़ान इस मामले में दोषी पाए गए हैं. आज़म ख़ान के खिलाफ़ रामपुर की मिलक विधानसभा में भड़काऊ भाषण देने का मामला था. ये मामला 7 अप्रैल 2019 का है. लोकसभा के सामान्य निर्वाचन 2019 में मिलक विधानसभा के एक गाँव में इन्होंने भड़काऊ भाषण दिया था." आज़म ख़ान के ख़िलाफ़ उत्तर प्रदेश में 80 से अधिक मामले पहले से ही दर्ज हैं और उन सभी में आज़म ख़ान को सुप्रीम कोर्ट से ज़मानत मिल चुकी है.