बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय में स्वामी दयानंद जयंती समारोह आयोजित।
Girish saini Reports

रोहतक। बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय, अस्थल बोहर की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा वीरवार को स्वामी दयानंद सरस्वती जयंती समारोह आयोजित किया गया। बतौर मुख्य वक्ता, एमडीयू के संस्कृत विभाग के प्राध्यापक डॉ. श्री भगवान ने शिरकत की। डॉ. श्रीभगवान ने अपने संबोधन में कहा कि रूढ़िवाद, जातिवाद और अज्ञान से ग्रस्त 19वीं शताब्दी में महर्षि दयानंद सरस्वती पहले समाज सुधारक और शिक्षाशास्त्री थे, जिन्होंने सबको शिक्षा का अधिकार और सबको अनिवार्य शिक्षा का विचार प्रस्तुत कर तत्कालीन समाज में शिक्षा में एक नई क्रांति का सूत्रपात किया था। उन्होंने महर्षि दयानंद के जीवन, चरित्र तथा उनके द्वारा किए गए समाज सुधार कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा स्वामी दयानंद पूरी मानवता के प्रेरक हैं। स्वामी दयानंद का आदर्श था-कृण्वन्तो विश्वमार्यम अर्थात हम पूरे विश्व को श्रेष्ठ बनाएं। हम पूरे विश्व में श्रेष्ठ विचारों तथा मानवीय आदर्शों का संचार करें। इस मौके पर बाबा मस्तनाथ विवि के अधिष्ठाता, मानविकी संकाय डॉ. बी.एम. यादव, राजनीति विज्ञान एवं लोक प्रशासन विभागाध्यक्ष डॉ. ब्रह्म प्रकाश, राष्ट्रीय सेवा योजना समन्वयक डॉ. मंजीत, एनएसएस समन्वयक डॉ. प्रीति तथा एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ. प्रमिला, डॉ. विजय दांगी, डॉ. नेहा, डॉ. कविता एवं एनएसएस स्वयंसेवक मौजूद रहे।