बैंककर्मियों की सुविधाएं घटी, सरकार बैंकों के निजीकरण पर आमादा: विधायक बीबी बतरा
Girish Saini Reports

रोहतक। कांग्रेस विधायक दल के चीफ व्हिप एवं विधायक भारत भूषण बतरा ने कहा कि बैंकों की जो साख पहले थी, अब वह नहीं है और इसके लिए सीधे तौर पर वर्तमान सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि बैंक का मतलब जिम्मेदारी है जनता के पैसे को सुरक्षित रखने की, वर्तमान में इसका उल्टा होता नजर आ रहा है। विधायक बतरा रविवार को मातूराम कम्युनिटी सेंटर में ऑल इंडिया पीएनबी वर्कर्स फेडरेशन तथा पंजाब नेशनल बैंक वर्कर्स यूनियन द्वारा आयोजित सातवीं संयुक्त कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय इंदिरा गांधी के कार्यकाल में बैंकों के राष्ट्रीयकरण का कार्य हुआ और वर्तमान सरकार उसके निजीकरण पर आमादा है। बैंकिंग सेवाओं का निजीकरण जनता के हितों के विरोध में है। उन्होंने कहा कि सरकार बढ़ते बैंक फ्रॉड रोकने में नाकाम रही है। अदानी प्रकरण में निवेशकों के हजारों करोड़ रुपए डुबो दिए। और इसके बावजूद सरकार जांच से भाग रही है। कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस विधायक आफताब अहमद ने भी बैंकों के निजीकरण का विरोध किया और बढ़ते एनपीए तथा खराब लोन पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस काल में बैंकों को लेकर जो कानून बने वर्तमान सरकार उन्हें आगे नहीं बढ़ा सकी। कांफ्रेंस का उद्घाटन इंडियन नेशनल बैंक इंप्लाइज फेडरेशन के महामंत्री ओमप्रकाश शर्मा ने किया। उन्होंने कहा कि 12वे वेतन समझौता वार्ता में 28 फरवरी को पांच दिवसीय बैंकिंग पर सकारात्मक बातचीत हुई है।पंजाब नेशनल बैंक डीज़ीएम एवं सर्कल हेड महेश वधवा ने कर्मचारियों का आह्वान किया कि वह ग्राहक सेवा- संतुष्टि उच्चतम स्तर पर बनाए रखें। यूनियन के महामंत्री एन. के. तेहरी ने कर्मचारियों को हो रही परेशानियों पर चर्चा करते हुए कहा कि हाल ही में सरकार के इशारों पर बैंक तथा कॉन्ट्रैक्ट पर सीधे अधिकारियों की भर्ती का जो निर्णय लिया गया है हम उसका विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि बैंक में ज्यादा से ज्यादा अधिकारी,कर्मचारी प्रमोशन से बनाए जाने चाहिए, क्योंकि डायरेक्ट तथा कॉन्ट्रैक्ट भर्ती पर रखे गए अधिकारियों को न काम का अनुभव होता है और ना ही उन्हें वित्तीय जोखम की समझ होती है। तेहरी ने बैंक में म्यूचुअल ट्रांसफर ब्रांच 2 ब्रांच रिक्वेस्ट के आधार पर ना होने के कारण कर्मचारियों को हो रही परेशानी पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने ट्रांसफर पॉलिसी में सुधार की मांग की। सातवीं संयुक्त कांफ्रेंस के अंत में सभी प्रतिनिधियों ने सर्वसम्मति से एन.के. तेहरी को पुनः महामंत्री चुना। इसके साथ ही उन्हें अधिकृत किया कि वे शेष पदाधिकारी नामित करें ताकि संगठन मजबूत किया जा सके।इस मौके पर एआई पीएनबी के प्रेजिडेंट जे. आर. दुग्गल, सचिव हरिओम, वाइस प्रेसिडेंट एम एस भंडारी, नॉर्दन जोन चेयरमैन डीपी टेंक, प्रेजिडेंट धर्मेंद्र, महासचिव एन. के. तेहरी, कोषाध्यक्ष अशोक खुराना मौजूद रहे।