विश्वविद्यालय में संस्कृत में होगी ज्योतिष विज्ञान की पढ़ाई,

मंगलवार को एकेडमिक काउंसिल की बैठक में पीजी के 34 कोर्सों के सिलेबस पर मुहर लग गई।

विश्वविद्यालय में संस्कृत में होगी ज्योतिष विज्ञान की पढ़ाई,

कैंपस में आठ नए कोर्स शुरू कर दिए गए हैं। अब सीसीएसयू संस्कृत में ज्योतिष विज्ञान पढ़ाएगा। फार्मेसी, फिल्म एंड टीवी, डिफेंस स्ट्डीज, एविएशन, एमबीए एग्जीक्यूटिव और बीबीईएस आदि कोर्स भी शामिल हैं।विवि अनुदान आयोग के निर्देशानुसार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत विद्यार्थी अब दो पाठ्यक्रमों में एक साथ अध्ययन कर सकेंगे। ऑनलाइन कोर्सेज के अंतर्गत प्रमाण पत्र राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ तैयार किए जाएंगे। विवि परिसर में संस्कृत विभाग में ज्योतिष विज्ञान में डिप्लोमा ऑनलाइन मोड में तथा परिसर में ही फार्मेसी में स्नातक पाठ्यक्रम चलाने की अनुमति प्रदान की गई। बैठक में प्रति कुलपति प्रो. वाई विमला, कुलसचिव धीरेंद्र कुमार वर्मा, प्रो. मृदुल गुप्ता, प्रो. हरे कृष्णा, प्रो. बीरपाल सिंह, प्रो. भूपेंद्र सिंह, प्रो. प्रशांत कुमार मौजूद रहे। यह प्रोन्नति आचार्य के रूप में 10 वर्ष सेवा के बाद दी जा सकेगी। विवि के सभी नियमित विभागों में जहां पर शिक्षकों की संख्या कम है, ऐसे विभागों में संविदा के आधार पर चार शिक्षकों के पद सृजित किए जाने की स्वीकृति प्रदान की गई। शारीरिक शिक्षा विभाग में इस साल से बीबीईएस शुरू करने का निर्णय लिया गया। विवि के संगठक कॉलेज गौतमबुद्धनगर के जेवर स्थित महाविद्यालय में इसी वर्ष से फिल्म एंड टेलीविजन, डिफेंस एंड स्टडीज तथा एविएशन से जुड़े पाठ्यक्रम शुरू किए जाने हैं। इन कोर्सों को कैंपस में भी शुरू किया जाएगा। इन पाठ्यक्रमों को संचालित करने के लिए 12 सहायक आचार्य और एक प्राचार्य नियुक्त करने का भी निर्णय लिया गया।