एमडीयू में होगी इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ साइंस की स्थापना, राष्ट्रीय संगोष्ठी में कुलपति ने की घोषणा।
Girish Saini Reports

रोहतक। पब्लिक हेल्थ मिशन को बुलंद करते हुए तथा प्रांत एवं राष्ट्र में स्वास्थ्य जागरूकता का अलख जगाते हुए एमडीयू इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ साइंस की स्थापना करेगा। साथ ही पब्लिक हेल्थ के इनोवेटिव प्रोग्राम्स आगामी सत्र से शुरू करेगा। यह घोषणा एमडीयू के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने सोमवार को रैकोनिंग पब्लिक हेल्थ एजुकेशन इन इंडिया: ट्रेंड्स एंड प्रॉस्पेक्ट्स विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में की। एमडीयू कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि भारत ही नहीं, पूरे विश्व को सुशिक्षित, कौशल-युक्त पब्लिक हेल्थ प्रोफेशनल्स की आवश्यकता है। स्वास्थ्य सेवा प्रबंधन तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य जागरूकता समय की जरूरत है। ऐसे में एमडीयू का यह इंस्टीट्यूट ग्लोबल पब्लिक हेल्थ प्रोफेशनल्स तैयार कर एक नया इतिहास रचेगा। कुलपति ने कहा कि भारत में आयुष्मान स्वास्थ्य योजना के तहत पूरे देश में डेढ़ लाख हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खुलने हैं। ऐसे में एमडीयू इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ साइंस के विद्यार्थियों के लिए रोजगार की बेहतर संभावनाएं होंगी। कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय, महेंद्रगढ़ के पूर्व कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़ द्वारा तैयार किए गए इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ संस्थान संबंधित दस्तावेज (प्रपोजल रिपोर्ट) के लिए विशेष आभार जताया। संगोष्ठी के मुख्य अतिथि प्रो. आर.सी. कुहाड़ ने प्रो. राजबीर सिंह को ये दस्तावेज इस कार्यक्रम में सौंपे। प्रो. कुहाड़ ने कहा कि समाज व राष्ट्र में पब्लिक हेल्थ अवेयरनेस बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि एमडीयू द्वारा प्रस्तावित यह संस्थान सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में नई मिसाल पेश करेगा। प्रो. कुहाड़ ने पब्लिक हेल्थ सिस्टम के सुदृढ़ीकरण के लिए विशेष जोर दिया। संगोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता प्रतिष्ठित पब्लिक हेल्थ विशेषज्ञ, इनक्लेन ट्रस्ट इंटरनेशनल, नई दिल्ली के डॉ. नरेंद्र कुमार अरोड़ा ने कोरोना महामारी के परिप्रेक्ष्य में पब्लिक हेल्थ के महत्व पर प्रकाश डाला। राष्ट्र के विकास में स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर सुदृढ़ीकरण पर उन्होंने विशेष जोर दिया। प्रतिष्ठित सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. नवनीत कुमार धमीजा ने कहा कि रोग तथा महामारी की रोकथाम में पब्लिक हेल्थ इंस्टीट्यूट की महत्त्वपूर्ण भूमिका होगी। एकेडमिक ऑफ साइंटिफिक एण्ड इन्नोवेशन रिसर्च, गाजियाबाद के निदेशक प्रो. राजेन्द्र सिंह सांगवान ने कहा कि वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी टूल्स के हस्तक्षेप से महामारी से निपटने का रोडमैप तैयार करना होगा। दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो. वीके चौधरी ने कहा कि इस प्रस्तावित इंस्टीट्यूट में पब्लिक हेल्थ एजुकेशन को हाइब्रिड मोड में संचालित करना होगा तथा बियोंड द क्लासरूम टीचिंग-लर्निंग से स्किल्ड प्रोफेशनल्स तैयार करने होंगे। संगोष्ठी संयोजक प्रो. मुनीष गर्ग ने बताया कि प्रस्तावित संस्थान सामुदायिक स्वास्थ्य क्षेत्र में अहम शैक्षणिक जिम्मेदारी निभाएगा। डीन, स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. राजकुमार ने कहा कि हेल्थ फॉर ऑल मिशन में एमडीयू अपना विशेष योगदान देगा। संगोष्ठी संचालन आयोजन सचिव डॉ. रीतू गिल ने किया। इस संगोष्ठी में डॉ. केके शर्मा, डॉ. सर्वजीत सिंह गिल, डॉ. अजीत कुमार, डॉ. गोविंद सिंह, निदेशक जनसंपर्क सुनित मुखर्जी सहित शोधार्थी व विद्यार्थी मौजूद रहे।