स्टाफ नर्स भर्ती के बीच मनमाने नियम थोपकर सरकार गैर-हरियाणवियों को दे रही है फायदाः सांसद दीपेंद्र हुड्डा
Girish Saini Reports

रोहतक। राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने स्टाफ नर्स भर्ती में हरियाणा नर्सिंग काउंसिल से रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता खत्म कर किसी भी प्रदेश या ऑल इंडिया नर्सिंग काउंसिल का रजिस्ट्रेशन मान्य करने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि न सरकार की नीति ठीक है, न नीयत ठीक है। उन्होंने कहा कि पहले से ही बेरोजगारी की मार झेल रहे हरियाणा के युवाओं पर सरकार ने एक और करारी चोट मारी है। सरकारी नौकरियों में प्रदेश के युवाओं को वरीयता न देना शर्मनाक है। जब हरियाणा नर्सिंग काउंसिल के रजिस्टर्ड युवा बेरोजगार दूसरे प्रदेशों में आवेदन नहीं कर सकते तो हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी सरकार यहां के युवाओं के हितों पर प्रहार क्यों कर रही है। क्या उसे प्रदेश के युवाओं की योग्यता पर भरोसा नहीं है जो दूसरे प्रदेशों से युवाओं को बुलाकर यहां के युवाओं के हकों पर कुठाराघात कर रही है। उन्होंने मांग की कि हरियाणा नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल से रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता को पहले की तरह ही बहाल किया जाए। बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार प्रदेश के युवाओं से नौकरियों में भेदभाव न करे। सांसद हुड्डा ने कहा कि ऐसा पहली बार है कि स्टाफ नर्स की परीक्षा को ऑल इंडिया के लिए खोल दिया गया। जबकि, पहले हरियाणा नर्सिंग काउंसिल में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होने का नियम था। दूसरे प्रदेशों में भी अपने-अपने राज्यों के नर्सिंग काउंसिल में रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता रहती है। ताकि वहां के युवाओं के हितों की रक्षा हो। उन्होंने बताया कि नर्सिंग भर्ती के आवेदकों का कहना है कि हरियाणा की तरह ही अन्य प्रदेश के आवेदकों को भी 10 अंक पिता न होने और परिवार में नौकरी न होने पर दिए जा रहे हैं। हरियाणा से बाहर के अभ्यर्थियों को सोशियो-इकनॉमिक के नाम पर 10 अंक किस बात के दिए जा रहे? दीपेंद्र हुड्डा ने राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश जैसे पड़ोसी राज्यों के नियमों का हवाला देते हुए हरियाणा सरकार के मनमाने नियमों को थोपे जाने पर कड़ी आपत्ति जताई। सांसद हुड्डा ने कहा कि प्रदेश की भाजपा-जजपा सरकार की ऐसी ही गलत नीतियों के कारण आज हरियाणा बेरोजगारी में नंबर एक पर है। मौजूदा सरकार की गलत नीतियों के चलते यहां के युवा बेरोजगारी, अपराध और नशे के जाल में फंस रहे हैं। जब हरियाणा के युवाओं को नौकरी देने की बात आती है तो सरकार ऐसे नियम व क्राइटेरिया तय करती है कि दूसरे प्रदेशों के युवाओं को नौकरी मिले।