बिग बाजार की कमान संभाल मुकेश अम्बानी ने निकाली अमेज़न की हवा
न्यूज़ डेस्क रिपोर्ट
फ्यूचर रिटेल के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी और अमेरिकी उद्योगपति अमेजन के मालिक जेफ बेजोस के बीच चल रही जंग में अंबानी, बेजोस से आगे निकलते हुए नजर आ रहे हैं।
न्यूज एजेंसी की खबर के मुताबिक रिलायंस इंडस्ट्रीज की सहायक कंपनी रिलायंस रिटेल ने हाल ही में फ्यूचर रिटेल द्वारा लीज का किराया न भुगतान करने को लेकर उसके 200 रिटेल स्टोर्स को अपने नियंत्रण में लिया है। खबर के मुताबिक कंपनी आगे चलकर 250 और रिटेल स्टोर्स को अपने नियंत्रण में ले सकती है, जो फ्यूचर रिटेल के एक तिहाई रिटेल स्टोर्स के बराबर है।
रिलायंस रिटेल वेंचर्स ने फ्यूचर रिटेल के साथ उसके बिजनेस और संपत्ति होने के लिए 29 अगस्त 2020 को 24,713 करोड़ का सौदा किया था। इस सौदे पर अमेजन ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि फ्यूचर रिटेल की प्रवर्तक (Promoter) कंपनी फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड (एफसीपीएल) में 49 फीसद हिस्सेदारी खरीदी थी, उसके बाद अमेजन पूरे मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गया। जहां कोर्ट ने कई मामलों में अमेजन के हक में फैसला दिया।
पिछले गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान अमेजन ने अचानक कहा कि विवाद को बातचीत के जरिये सुलझा लेना चाहिए, जिस पर फ्यूचर ग्रुप भी सहमत हो गया है। इस दौरान अमेजन के वकील गोपाल सुब्रमनियम ने कहा "दुकाने अब बची नहीं...चलो बातचीत ही कर लेते हैं"
जानकारों का पूरे मामले पर कहना है कि रिलायंस द्वारा फ्यूचर रिटेल के स्टोर्स को कब्जे में लेने के बाद अब अमेजन के लिए इस दिल में कुछ बचा नहीं है क्योंकि जब दुकान ही नहीं रही तो मामला ही किस बात का रहेगा। दूसरी तरफ रिलायंस की कार्यवाही की फ्यूचर रिटेल की तरफ से 26 फरवरी को एक बयान आया जिसमें कहा गया कि अपने संचालन के वह कम कर रहा है जिससे नुकसान को कम किया जा सके।
सूत्रों के मुताबिक रिलायंस की तरफ से स्टोर्स के संचालन के लिए फ्यूचर के कर्मचारियों को रखने का फैसला किया है। फिलहाल देश में फ्यूचर रिटेल के 1700 से ज्यादा स्टोर है जिनमें 30 हजार से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। फ्यूचर रिटेल पर 4 बिलियन डॉलर से अधिक का कर्ज है।