जैन समाज की आर्यिका ज्ञानमती माताजी का भव्य मंगल प्रवेश गुरुवार को टिकैतनगर में हुआ
RAJESH SHARMA REPORT

टिकैतनगर (बाराबंकी): जैन समाज की आर्यिका ज्ञानमती माताजी का भव्य मंगल प्रवेश गुरुवार को टिकैतनगर में हुआ। यहां जन्म स्थली पर प्रवेश होने पर पूरे नगर में उत्साह रहा। बैंडबाजों की धुनों और जयकारों के बीच श्रद्धालुओं ने माताजी का पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। शोभायात्रा में राजस्थानी बैंड बाजा, आकर्षक रहा। जैन संस्कृतियों पर आधारित आकर्षक झांकियां, देशभर से आए पुरुष व महिला श्रद्धालु पीले पोशाकों में शामिल हुए। अपने जन्म स्थली पर पहुंची 89 वर्षीय आर्यिका ज्ञानमती माताजी वृद्धावस्था के कारण पालकी में यात्रा करती हैं, जबकि संघस्थ अन्य सभी साध्वियां सदैव पदयात्रा करती हैं। गुरुवार को उनके साथ चंदना मती माताजी,व रविंद्र कीर्ति स्वामी जी के नगर आगमन पर चार बजे बजे बंनगावा से भव्य शोभा यात्रा के साथ जुलूस नगर के लिए निकल पड़ा। रास्ते में श्रद्धालु उनकी पालकी को बारी बारी से अपने हाथों और कंधे पर रख कर चल रहे थे। बैंड पार्टी की मधुर धुनों के बीच माताजी के जयकारे गूंज रहे थे। यात्रा बस स्टॉप होते हुए मुख्य चौराहे पर पहुंची। रास्ते में नगर वासियों ने पुष्प वर्षा कर आरती भी की। मुख्य चौराहे पर शोभा यात्रा पहुंचने पर वहां विशाल सभा के रूप में परिवर्तित हो गई। चंदना मती माताजी ने अपने मंगल प्रवचन में कहा कि हमें अपने धर्म में बताए सन्मार्ग पर चल कर अपना जीवन सार्थक करना चाहिए। देव, शास्त्र व गुरु की भक्ति हमारी आत्मा के कल्याण का कारण बनती है। सभा के बाद माता जी का आगमन जैन मंदिर में हुआ जहां पर श्रद्धालुओं ने दूध,केसर,रत्नवृष्टि और जल से पैर धोए। अवध प्रांत से आए श्रद्धालुओं ने अष्ट द्रव्य से पूजन किया। निधेश कुमार जैन,अतुल कुमार जैन,पारस जैन सुयश जैन,रत्नेश जैन,मनोज जैन,निकलंक जैन, गगन जैन लिटिल जैन, समकित जैन,संकी जैन,आयुष जैन,मोनू जैन, मौजूद रहे।