भविष्य में आर्टिफिसियल इंटैलीजेंस नई संभावनाएं सामने लाएगा: कुलपति प्रो. राजबीर सिंह
Girish Saini Reports

रोहतक। कम्प्यूटेशनल इंटैलीजेंस, डाटा साइंस तथा सूचना प्रौद्योगिकी ने मनुष्य के जीवन, कार्य प्रणाली, शिक्षा, स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था समेत विभिन्न आयामों में क्रांतिकारी परिवर्तन ला दिए हैं। भविष्य में आर्टिफिसियल इंटैलीजेंस नई संभावनाएं सामने लाएगा। जरूरत है कि प्राध्यापक, शोधार्थी, विद्यार्थी इस प्रतिमान परिवर्तन के तहत नूतन प्रौद्योगिकी को ग्रहण कर कदमताल करें। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (मदवि) के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने ये आह्वान कंप्यूटर साइंस एवं एप्लीकेशन्ज विभाग द्वारा- कंप्यूटेशनल इंटैलीजेंस एण्ड डाटा साइंस विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में किया। कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों को नवीनतम सूचना तकनीक-प्रौद्योगिकी से सक्रिय रूप से जुडऩा होगा। कुलपति ने कहा कि नवीनतम प्रौद्योगिकी पर गहन शैक्षणिक मंथन की जरूरत है। साथ ही, आर्टीफिसियल इंटैलीजेंस के ऐथीकल आयामों पर भी समीक्षा की जरूरत है। इस संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में विशिष्ट अतिथि भारती विद्यापीठ इंस्टीट्यूट ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन्ज एण्ड मैनजमेंट, नई दिल्ली के निदेशक प्रो. एम.एन. होडा ने कहा कि कंप्यूटेशनल टेक्नोलोजी के जरिए जटिल समस्याओं का समाधान निकालने का प्रयास करना होगा। प्रो. होडा ने कहा कि टेक्नोलोजी तेजी से बदल रही है। विद्यार्थियों को नवीनतम टेक्नोलोजी को सीखना होगा, नहीं तो पिछड़ जाएंगे, ऐसा उनका कहना था। अपने प्रेरणादायी भाषण में प्रो. एम.एन. होडा ने कहा कि समय- लर्न, अन लर्न तथा री लर्न का है। इस सत्र में विशिष्ट अतिथि दिल्ली विश्वविद्यालय के कंप्यूटर साइंस एण्ड इंजीनियरिंग के पूर्व निदेशक प्रो. पी.एस. ग्रोवर ने कहा कि टेक्नोलोजी की अंधी दौड़ में मानवीय मूल्य बेहद महत्त्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि नवीनतम प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल टीचिंग-लर्निंग-रिसर्च प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए किया जाना चाहिए। कंप्यूटर साइंस एवं एप्लीकेशन्ज विभाग के अध्यक्ष प्रो. नसीब सिंह गिल ने इस राष्ट्रीय संगोष्ठी की थीम पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कंप्यूटेशनल इंटैलीजेंस तथा डाटा साइंस, आईसीटी विकास के नए आयाम तय कर रहे हैं। इस परिप्रेक्ष्य में ये संगोष्ठी महत्त्वपूर्ण है। चौ. रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल एण्ड इकोनोमिक चेंज के निदेशक प्रो. ए.के. राजन ने कहा कि वैश्विक तथा राष्ट्रीय ज्ञान जगत तेजी से बदल रहा है। ऐसे में हाऊ टू थिंक विद्यार्थियों के लिए अहम है। ये राष्ट्रीय संगोष्ठी क्रिटीकल थिंकिंग को बढ़ावा देगी, ऐसा उनका कहना था। कार्यक्रम में प्रभावी मंच संचालन सहायक प्रोफेसर डा. पूजा मित्तल ने किया। वरिष्ठ प्रोफेसर डा. राजेन्द्र सिंह छिल्लर ने आभार प्रदर्शन किया। इस संगोष्ठी में पांच तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया तथा 242 डेलीगेट्स ने संगोष्ठी में भाग लिया। डीन, सीडीसी प्रो. ए.एस. मान, लाइब्रेरियन डा. सतीश मलिक, निदेशक रूसा प्रो. प्रदीप अहलावत, निदेशक सीसीपीसी प्रो. सुमित गिल, निदेशक स्टार्ट अप एण्ड इन्नोवेशन प्रो. राहुल ऋषि समेत विभागों के अध्यक्ष, प्राध्यापक, आमंत्रित विशिष्ट अतिथि एवं वक्ता, कंप्यूटर साइंस एवं एप्लीकेशन्ज विभाग के प्राध्यापक डा. गोपाल सिंह, डा. संदीप दलाल, डा. पूजा मित्तल, डा. बाल किशन, डा. सुखविंद्र सिंह, अमरेन्द्र कौर, शोधार्थी, विद्यार्थी एवं डेलीगेट्स मौजूद रहे।